
यूपीपीएससी परीक्षा विवाद की फाइल फोटो।
प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश में यूपीपीएससी की पीसीएस और आरओ-एआरओ परीक्षाओं को एक समय में आयोजित न कर पाने के निर्णय को लेकर छात्रों में नाराजगी है। इस मुद्दे पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हुए सरकार से बुनियादी सुविधाओं की कमी पर सवाल उठाया है।
परीक्षा आयोजन को लेकर छात्रों का आंदोलन
प्रयागराज में यूपीपीएससी मुख्यालय के बाहर छात्रों ने सोमवार से धरना-प्रदर्शन शुरू किया है। ये छात्र इस बात पर आक्रोशित हैं कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस प्री और आरओ-एआरओ परीक्षाओं को एक समय में कराने के बजाय दो दिनों में संपन्न कराने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि एक साथ परीक्षा न कर पाने से परीक्षा की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर असर पड़ सकता है।
मायावती का समर्थन और सवाल
मायावती ने सोशल मीडिया पर सरकार से सवाल पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश के पास इतनी सुविधाएं नहीं हैं कि ये परीक्षाएं एक ही समय में संपन्न कराई जा सकें? उन्होंने जोर देकर कहा कि पेपर लीक और परीक्षा की विश्वसनीयता सुनिश्चित करना अहम है और इसके लिए एक समय में परीक्षा प्रणाली जरूरी है। मायावती ने सरकार से छात्रों के प्रति सहानुभूति भरा रवैया अपनाने की अपील की, खासकर उन छात्रों के लिए जो बेरोजगारी,महंगाई और गरीबी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
प्रशासन और छात्रों के बीच गतिरोध
छात्रों का प्रदर्शन सोमवार से लगातार जारी है, जिसमें हजारों की संख्या में प्रतियोगी परीक्षार्थी शामिल हुए हैं। प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए देर रात बैठक भी की, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। छात्रों ने रात खुले आसमान के नीचे बिताई और मंगलवार सुबह फिर से धरना प्रदर्शन में शामिल हो गए। उनका कहना है कि दो दिन में परीक्षा आयोजन से उनकी तैयारी और परीक्षा में पारदर्शिता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
परीक्षा तिथियों की घोषणा और छात्रों की मांग
यूपीपीएससी ने हाल ही में पीसीएस प्री और आरओ-एआरओ परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा की है। पीसीएस प्री की परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को होगी, जबकि आरओ-एआरओ प्री की परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को होगी। छात्रों की मांग है कि परीक्षा एक ही दिन में होनी चाहिए ताकि परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे।