
UP State Construction Corporation Scam
नोएडा,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण निगम के अपर परियोजना प्रबंधक राजवीर सिंह के खिलाफ करोड़ों के घोटाले में नए खुलासे हो रहे हैं। स्मारकों के निर्माण के लिए पत्थरों की खरीद में अनियमितताओं और काली कमाई खपाने के आरोपों में राजवीर सिंह की संपत्तियों का गहन अध्ययन किया जा रहा है।
विजिलेंस की छापेमारी और दस्तावेजों का खुलासा
हाल ही में विजिलेंस ने राजवीर के ठिकानों पर छापेमारी की, जहां उन्हें तीन कंपनियों के दस्तावेज मिले। इनमें से “आरिज वेलटेक” का जीएसटी रजिस्ट्रेशन सीधे राजवीर सिंह के नाम पर है। अन्य दो कंपनियां “नोएडा टेस्ट हाउस” और “एआर इंटरप्राइजेज” उनकी पत्नी के नाम पर पंजीकृत हैं। विजिलेंस अब इन कंपनियों की गतिविधियों और लेनदेन की जानकारी जुटाने में जुटी है।
अवैध कमाई को वैध बनाने की आशंका
विजिलेंस अधिकारियों का मानना है कि इन कंपनियों का उपयोग अवैध कमाई को वैध बनाने के लिए किया गया था। छापेमारी के दौरान नोएडा टेस्ट हाउस से सॉइल टेस्टिंग से संबंधित लाखों की मशीनें और उपकरण भी बरामद हुए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि इन कंपनियों में बड़े पैमाने पर निवेश किया गया था।
पत्नी से होगी पूछताछ
राजवीर सिंह ने अपनी आय से अधिक संपत्ति की जानकारी छिपाई थी। विजिलेंस अब राजवीर और उनकी पत्नी को पूछताछ के लिए बुलाएगी, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इन संपत्तियों को किस प्रकार हासिल किया गया। कई प्लॉट्स और अन्य कीमती संपत्तियों की जानकारी भी अब तक सामने नहीं आई है।
व्यवसायिक लेनदेन के संकेत
सूत्रों के अनुसार, राजवीर ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने करीबियों के साथ मिलकर व्यावसायिक लाभ के लिए कंपनियां बनाई थीं, लेकिन उन्हें नुकसान हुआ। नोएडा टेस्ट हाउस कंपनी सॉइल टेस्टिंग से जुड़े कार्यों में लगी हुई थी, जिससे विभिन्न ठेके हासिल करने की संभावना जताई जा रही है।
आगे की जांच
विजिलेंस विभाग अब इन कंपनियों और राजवीर के निजी संपत्तियों से जुड़े सभी दस्तावेजों की गहन जांच कर रहा है। अधिकारियों का मानना है कि इस मामले में और भी बड़े घोटाले का खुलासा हो सकता है। राजवीर सिंह के खिलाफ जांच का दायरा अब और भी बढ़ गया है, और आने वाले दिनों में नई जानकारियों का सामने आना तय है।