
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग। फाइल फोटो।
प्रयागराज, [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। up civil judge,judicial services result : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने न्यायिक सेवा सिविल जज (पीसीएस-जे) भर्ती-2022 का संशोधित अंतिम परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया। संशोधित परिणाम में 2 चयनित अभ्यर्थी बाहर हुए। संशोधित परिणाम में 2 नए अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। आयोग ने 50 कॉपियां के बदले जाने की बात मानी थी। इस बार 303 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया।
शुक्रवार की रात जारी किए गए इस संशोधित परिणाम में 303 पदों के लिए सफल अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी की गई है। दो नए अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है। इस लिस्ट में दो चयनित अभ्यर्थी बाहर भी हुए हैं। हालांकि, आयोग की तरफ से यह सूची सार्वजनिक नहीं की गई है कि कौन चयनित हुआ और कौन बाहर हुआ है।
बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद कॉपियों को अभ्यर्थियों को दिखाया गया था। इसमें से 5 कॉपियों में गड़बड़ी के बाद जिन 5 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था, उनमें से किसी एक का भी चयन नहीं हुआ है। पीसीएस जे 2022 का संशोधित परिणाम अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। यह परिणाम करीब एक साल बाद जारी किया गया।
गौरतलब है कि यूपी लोक सेवा आयोग की पीसीएस-जे 2022 की भर्ती परीक्षा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने याचिका दाखिल की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि कॉपियों के जांचने के दौरान उनकी अदला-बदली कर दी गई है।
इसके बाद हाईकोर्ट ने यूपी लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष समेत अन्य लोगों से जवाब मांगा था। आयोग की तरफ से हाईकोर्ट में स्वीकार किया गया था कि कर्मचारियों की त्रुटि की वजह से कॉपियों के दो बंडल के नंबर बदल गए थे, जिस कारण कॉपियों की अदला-बदली हो गयी थी।
जांच के बाद आयोग ने कॉपियों के बंडल में गलत कोडिंग करने के दोषी पाए गए कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की थी। आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के निर्देश पर आयोग के अनुभाग अधिकारी शिवशंकर, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को सस्पेंड कर दिया गया था।
इसके साथ ही आयोग के पर्यवेक्षणीय अधिकारी उप सचिव सचिव चंद्र मिश्रा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए आरोप पत्र जारी किया था, जबकि रिटायर हो चुकी सहायक समीक्षा अधिकारी चंद्रकला को भी इस मामले में दोषी पाया गया था।
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