
raja bhadri on protest on moharram
प्रतापगढ़ [TV 47 न्यूज़ नेटवर्क ] प्रतापगढ़: शेखपुर आशिक में मुहर्रम को लेकर नजरबंद किए गए राजा उदय प्रताप सिंह के मुख्य सहयोगी निर्भय सिंह ने बुधवार दोपहर कड़ी सुरक्षा के बीच हनुमान जी का पूजन-अर्चन किया। पूजन के बाद पुलिस उन्हें भदरी कोठी आवास पर ले गई। कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह के पिता उदय प्रताप सिंह समेत 12 लोगों को हाउस अरेस्ट किया गया है।
गौरतलब है कि वर्ष 2011 में शेखपुर आशिक गांव में एक बंदर की मौत हो गई थी। जिस स्थान पर बंदर की मौत हुई थी वहां हनुमानजी का मंदिर बना दिया गया। वर्ष 2013 में भदरी किला निवासी उदय प्रताप सिंह ने पूजापाठ के साथ ही मोहर्रम के दिन यहां भंडारे का आयोजन शुरू कर दिया। वर्ष 2013 में भंडारा हुआ और मोहर्रम की दसवीं पर ताजिया भी निकला। वर्ष 2014 में दोनों चीजों एक साथ हुईं।
वर्ष 2015 में भंडारा होने के कारण ताजियादारों ने ताजिया उठाने से इनकार कर दिया। जिले के साथ ही पूरे प्रदेश में ताजिया नहीं उठने पर शासन तक खलबली मच गई। शासन के निर्देश के बाद दूसरे दिन डीएम-एसपी ने किसी तरह ताजिया दफन कराया। इसके बाद शुरू हुई प्रशासन की लिखापढ़ी 2016 तक चलती रही। 2016 में हालत यह हो गई कि झंडों की गिनती हुई तो वहां लगने वाली चांदनी की माप भी कराई गई। इसके बाद भंडारे पर रोक लगा दी गई। इसके खिलाफ उदय प्रताप सिंह कोर्ट चले गए। कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट को अपने विवेक से निर्णय लेने का आदेश दिया। इसके बाद से यहां भंडारा बंद हो गया। बावजूद इसके मोहर्रम पर लगने वाली चांदनी, गेट और झंडे को लेकर विवाद जारी रहा। झंडे का विवाद 2019 में सुलझा। अब शेखपुर में सड़क पर बने गेट को लेकर बवाल शुरू हो गया है।
प्रशासन का तर्क है कि गेट पहले भी बनता रहा है। उधर, उदय प्रताप सिंह का कहना है कि यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। इसके नीचे से हम अपने झंडे लेकर कैसे गुजरेंगे। इसके साथ ही सबंधित जगह पीडब्ल्यूडी विभाग के दायरे में हैं। नियमानुसार कोई सड़क पर गेट नहीं बना सकता।