
मिल्कीपुर उपचुनाव 2024
अयोध्या [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बड़ी जीत हासिल की. बीजेपी के उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान ने 61,710 वोटों से सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद को हराया. चंद्रभानु पासवान को 1.46 लाख वोट मिले, जबकि सपा उम्मीदवार को 84,687 वोट मिले.
इस हार के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनावी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया. हालांकि, इस हार के पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं.
सपा की हार के प्रमुख कारण
- ओबीसी वोटों का बीजेपी की ओर झुकाव
मिल्कीपुर में ओबीसी और दलित वोटर्स की संख्या काफी अधिक है. बीजेपी ने अपनी रणनीति के तहत इस वोट बैंक को पूरी तरह से साध लिया. वहीं, समाजवादी पार्टी इस वोट बैंक को अपने पक्ष में करने में असफल रही.
- मोदी फैक्टर और बीजेपी की जमीनी पकड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता का असर इस उपचुनाव में भी देखने को मिला. बीजेपी के स्थानीय संगठनों ने मतदाताओं तक अपनी नीतियों और योजनाओं को पहुंचाने में सफलता पाई.
- सपा का कमजोर संगठनात्मक ढांचा
समाजवादी पार्टी का स्थानीय संगठन बीजेपी के मुकाबले कमजोर साबित हुआ. पार्टी कार्यकर्ताओं में उतनी सक्रियता नहीं दिखी, जितनी बीजेपी कार्यकर्ताओं में थी.
- बसपा और अन्य दलों का बिखरा वोट
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और अन्य छोटे दलों के वोटर्स का रुझान भी बीजेपी की ओर देखने को मिला. सपा ने गठबंधन की कोई स्पष्ट रणनीति नहीं बनाई, जिससे उसके वोट बैंक में सेंध लग गई.
- ईवीएम और प्रशासन पर सवाल
अखिलेश यादव ने मतगणना के बीच आरोप लगाया कि ईवीएम में गड़बड़ी और प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग किया गया. हालांकि, चुनाव आयोग ने इन दावों को खारिज कर दिया.
अखिलेश यादव का बयान
हार के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि “चुनावी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया. प्रशासन ने निष्पक्षता नहीं बरती, जिससे हमारी हार हुई.” उन्होंने आगे कहा कि सपा कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर उनके मुद्दों को उठाएंगे और आगामी चुनावों में मजबूती से वापसी करेंगे.
क्या 2024 के लोकसभा चुनाव पर असर पड़ेगा?
मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर मिली हार से सपा को झटका लगा है. यह उपचुनाव 2024 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले हुआ है, जिससे संकेत मिलता है कि बीजेपी का जनाधार मजबूत बना हुआ है. यदि सपा को वापसी करनी है तो उसे मजबूत रणनीति, बेहतर संगठन और सही गठबंधन पर काम करना होगा.