
बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शुक्रवार को काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे
वाराणसी [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शुक्रवार को काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने बाबा का दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद गया के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा कि हमारे दादा गुरुश्री ने यहीं पर देह त्याग किया था। इसलिए उनका काशी से बहत आत्मिक लगाव है। वह काशी आकर आत्मविभोर है।
उन्होंने पिंडरा के ढोरा गांव में अपने शिष्य का आवास पर लोगों को दर्शन दिया। दोपहर में चुनार सक्तेशगढ आश्रम जाकर अड़गड़ानंद महाराज का आशीर्वाद लिया। अस्सी घाट पर होटल में रात्रि विश्राम किया। रात लगभग 2.30 से 3.30 बजे तक दुर्गाकुंड स्थित कूष्मांडा मंदिर में ध्यान साधना की। भोर में मंगला आरती के बाद विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। दर्शन पूजन के बाद गया रवाना हो गए।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वाराणसी में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हम भगवान विश्वनाथ का दर्शन करने आए थे। रात में हमने माता कुष्मांडा और मणिकर्णिका घाट का भ्रमण किया। उन्होंने कहा कि हमारे दादा गुरुश्री ने यहीं पर देह त्याग किया था। इस दौरान उन्होंने तिरुपति प्रकरण को देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य बताया।
तिरुपति में मिलावटी लड्डू के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। मठों और मंदिरों में जितने भी आचार्य हैं उनको अगर अपने मंदिरों के प्रसाद की शुद्धता का ध्यान रखना है तो हर मंदिर में एक अपनी गौशाला होनी चाहिए।
हम भारत के हिंदुओं को जगाने के लिए गांव-गांव जाकर पिछड़े से पिछड़े लोगों को गले लगाएंगे। इस दौरान उन्होंने स्कूली बच्चों से भी की मुलाकात की।