
Atishi Marlena Delhi New CM File Photo
नई दिल्ली[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क] दिल्ली में सीएम पद के लिए जारी सस्पेंस समाप्त हो गया है। अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गई।
आतिशी, जो अन्ना आंदोलन के समय से केजरीवाल के साथ जुड़ी रही हैं, ने विधायक से मंत्री तक का सफर महज पांच साल में पूरा किया। 2020 में कालकाजी से विधायक चुनी गईं और 2023 में मंत्री बनीं, अब 2024 में वे दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गई हैं।
आतिशी ने दिल्ली शराब घोटाला केस के दौरान भी पार्टी का नेतृत्व किया और सरकार के कामकाज का जिम्मा बखूबी निभाया। वे पार्टी की इकलौती महिला मंत्री थीं और शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली।
मुख्यमंत्री पद की रेस में सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत और राखी बिड़ला जैसे कई नाम थे, लेकिन आतिशी ने सभी को पछाड़ते हुए यह पद हासिल किया।
जानें आखिर क्या हैं आतिशी के मुखयमंत्री चुने जाने के पीछे के कारण ?
-आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्रियों में इकलौती महिला मंत्री. पार्टी में महिलाओं की प्रमुख आवाज.
-मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद शिक्षा मंत्रालय की बागडोर को संभाला और उसे अच्छे से निभाया.
-संगठन और नेताओं में आतिशी की अच्छी खासी पकड़ है.
-आतिशी का आक्रामक अंदाज रहा है.
-संगठन और प्रशासन का अच्छा अनुभव
आतिशी का सियासी सफर
आतिशी लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमा चुकी हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में आतिशी को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर पूर्वी दिल्ली का प्रभारी नियुक्त किया गया था. वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गौतम गंभीर से 4.77 लाख वोटों के अंतर से हार गई थीं. 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आतिशी ने दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी विधानसभङा क्षेत्र से चुनाव लड़ा. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार धर्मवीर सिंह को 11,422 वोटों से हराया. बाद में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद उन्हें सौरभ भारद्वाज के साथ कैबिनेट मंत्री के रूप में दिल्ली सरकार में शामिल किया गया.