
नोएडा, [TV 47 न्यूज नेटवर्क]। मैक्स एस्टेट लिमिटेड प्राधिकरण को तीन वर्ष के एमसीएलआर की दर से निर्धारित कुल ब्याज के साथ 613 करोड़ रुपए देगा, जबकि बिना ब्याज के यह राशि 542 करोड़ रुपए है जो कि कुल बकाया 932.68 करोड़ का 58.11 प्रतिशत है। ये पैसा जमा करने के बाद बिल्डर को तीन वर्ष का टाइम एक्सटेंशन निशुल्क दिया जाएगा। इसके बाद यदि वह निर्माण पूरा नहीं करते और अतिरिक्त टाइम एक्सटेंशन मांगते है तो उनको पूर्व के नियमानुसार ही टाइम एक्सटेंशन दिया जाएगा। यही नहीं आवंटी को लीज रेंट भी जमा करना होगा।
दरअसल, नोएडा प्राधिकरण ने मैक्स एस्टेट लिमिटेड के खिलाफ एनसीएलटी में केस दायर किया था। इसमें प्राधिकरण ने 8 फरवरी 2019 तक लीज रेंट, टाइम एक्सटेंशन और कंपाउंडिंग फीस सहित कुल 932.68 करोड़ रुपये का क्लेम किया था। एनसीएलटी ने 27 फरवरी 2023 को सफल रेज्यूल्यूशन एप्लीकेंट के रूम में मैक्स एस्टेट लिमिटेड के प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया। इसके अनुसार नोएडा प्राधिकरण द्वारा प्रस्तुत क्लेम 932.68 करोड़ रुपए के सापेक्ष 325.52 करोड़ रुपये का भुगतान स्वीकृत किया गया।
ये धनराशि क्लेम की राशि की महज 34.90 प्रतिशत थी। ऐसे में प्राधिकरण ने एनसीएलएटी में अपील की। प्राधिकरण एनसीएलएटी में अपील करते ही मैक्स एस्टेट ने आगे आकर प्राधिकरण को 542 करोड़ रुपए का भुगतान करने का प्रस्ताव दिया। प्रस्ताव में कहा कि वह 542 करोड़ रुपये पर एसबीआई के एमसीएलआर की दर से अगले तीन वर्ष तक पेमेंट प्लान से कुल देय धनराशि का 613 करोड़ रुपए का भुगतान करेगा। साथ 25 प्रतिशत राशि अप फ्रंट जमा कराई जाएगी।
2010 में प्राधिकरण ने आवंटित की थी जमीन
यह भी बता दे कि बिल्डर विस्तार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (कंसोर्शियम) को प्राधिकरण ने सेक्टर-16बी में जमीन आवंटित की थी। जिसमें बिल्डर की ओर से 34696.72 वर्गमीटर जमीन बुलेवर्ड प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के पास है, लेकिन पैसों का भुगतान कंपनी की ओर से नहीं किया गया।
सुपरटैक की देयता 3319.29 करोड़
भूखंड संख्या-3, सैक्टर 94 क्षेत्रफल 70002 वर्गमीटर खुली नीलामी के आधार पर 28 मार्च 2011 को मैसर्स सुपरटेक रियल्टर्स प्रालि के पक्ष में आवंटित किया गया था। मैसर्स सुपरटेक रियल्टर्स के ऊपर दिनांक 31 मई 2024 तक किश्त व लीज रेन्ट के मद में 2245.82 करोड़ रुपये तथा समयवृद्धि शुल्क के मद में 1073.47 करोड़, कुल धनराशि 3319.29 करोड़ रुपये की देयता है। वर्तमान में एक बैंक की देयता के कारण प्रकरण एनसीएएलटी में विचाराधीन है, जिसमें कि आवंटी द्वारा किये गये अनुरोध के आधार पर अपने बकायेदारों से सेटलमेन्ट करने संबंधी आदेश 3 जुलाई 24 को पारित किये गये है। परियोजना में अभी 7000 करोड़ रुपये से अधिक की प्राप्तियां सम्भावित हैं। इससे वह परियोजना को पूर्ण कर सभी की देयताओं का भुगतान करेगें।
वित्तीय संस्था मैसर्स कोटक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर द्वारा बताया गया कि मैसर्स सुपरटेक पर बैंको की बकाया धनराशि का सेटलमेंट धनराशि 310 करोड़ रुपये में कर लिया गया है। परियोजना को पूर्ण किये जाने हेतु 450 करोड़ रुपये का निवेश भी किया जायेगा, जिससे कि परियोजना का निर्माण कार्य सुचारू रूप से प्रारम्भ हो सके। उनके द्वारा मांग की गयी कि यदि प्राधिकरण द्वारा इस प्रोजेक्ट का मैप एवं रजिस्ट्री हेतु सभी एनओसी जारी कर दी जाती है तो रुके हुए निर्माण कार्य को पूर्ण करा कर बायर्स की रजिस्ट्री का काम शुरू हो सकेगा एवं बायर्स से प्रोजेक्ट में धनराशि की प्राप्ति सुनिश्चित हो सकेगी।