
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत। फाइल फोटो।
गोरखपुर [TV 47 न्यूजनेटवर्क ] राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने संगठन के शताब्दी वर्ष के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए स्वयंसेवकों से शताब्दी विस्तारक बनने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि शताब्दी वर्ष तक संघ के व्यापक विस्तार के लक्ष्य के साथ स्वयंसेवक एक वर्ष के लिए शताब्दी विस्तारक बनकर क्षेत्र में निकले और गांव-गांव में संघ की उपस्थिति सुनिश्चित करें। संघ प्रमुख ने शनिवार को एसवीएम पब्लिक स्कूल में कार्यकर्ता विकास वर्ग में बौद्धिक को संबोधित किया।
शताब्दी विस्तारकों के कार्य व कार्यप्रणाली की जानकारी देते हुए मोहन भागवत ने कहा कि उन्हें गांव-गांव में जाकर नियमित शाखा लगानी होगी। शाखा से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का प्रयास करना होगा। शाखा में स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाने पर जोर देना होगा। शाखा में शामिल लोगों को संघ के राष्ट्र व समाज उत्थान के पवित्र उद्देश्य की जानकारी देनी होगी ताकि लोग संगठन से स्वयं को जोड़कर गौरवान्वित महसूस करें।
शताब्दी विस्तारकों को वर्ष भर इस लक्ष्य के साथ कार्य करना होगा कि शताब्दी वर्ष 2025 तक संघ के विस्तार से देश का कोई स्थान शेष न रह जाए। कार्यकर्ता विकास वर्ग में शामिल काशी, अवध, कानपुर और गोरक्ष प्रांत के स्वयंसेवक प्रशिक्षुओं से अपना वर्ष भर का समय संघ के लिए समर्पित करने की अपील की।
समूह मिलन और सहभोज का करें आयोजन
सरसंघचालक ने प्रशिक्षु स्वयंसवकों को सामाजिक समरसता का पाठ भी पढ़ाया। समाज में तेजी से फैल रहे भेदभाव पर चिंता व्यक्त करे हुए उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी समस्या है, जो समाज और राष्ट्र में विभेद की भावना को हवा दे रही है। हमें इसे रोकने के लिए आगे आना होगा। इसके लिए समय-समय समूह मिलन और सहभोज का आयोजन करना होगा। इसके जरिये समाज को जाेड़ने का प्रयास करते रहना होगा। संघ की शाखाओं में बिना किसी भेदभाव के समाज के हर वर्ग को आमंत्रित करना होगा और संगठन के माध्यम से सामाजिक एकता को बनाए रखने का संदेश देना होगा।