
सीएम योगी आदित्यनाथ की फाइल फोटो।
लखनऊ [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बेटियों के सशक्तिकरण के लिए एक अनूठी पहल की है। यूपी के मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्य की 7500 छात्राओं को एक दिन का अधिकारी बनाने की योजना शुरू की है। इसका मकसद बालिकाओं में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को विकसित करना है।
प्रदेश की बेटियां बनेंगी डीएम, सीडीओ और अन्य अफस
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत चुनी गई छात्राएं जिलाधिकारी (डीएम), मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ), खंड विकास अधिकारी (बीएसए), तहसीलदार और अन्य प्रशासनिक पदों पर एक दिन के लिए काम करेंगी। इससे उन्हें न केवल प्रशासनिक जिम्मेदारियों का अनुभव मिलेगा बल्कि उनमें नेतृत्व गुणों का विकास भी होगा।
लीडरशिप के गुणों का होगा विकास
प्रदेश सरकार की इस योजना में उन बालिकाओं को प्राथमिकता दी जाएगी जो अपने निपुणता और नेतृत्व क्षमता के लिए जानी जाती हैं। सरकार की यह पहल सभी जाति, वर्ग और श्रेणियों की बालिकाओं को समान अवसर प्रदान करती है। इससे बेटियों में आत्मनिर्भरता और नेतृत्व क्षमता का विकास होगा।
समाज में बदलाव लाने की ओर एक कदम
चयनित बालिकाएं सिर्फ लोगों की समस्याओं को सुनेंगी ही नहीं, बल्कि उनके समाधान में भी अहम भूमिका निभाएंगी। यह अनुभव बालिकाओं की निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करेगा, जो उनके भविष्य के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा।
संभल की शालू इस योजना के तहत बन चुकीं हैं डीएम
कासगंज की टॉपर भूमिका और संभल की शालू इस योजना के तहत पहले ही एक दिन की जिलाधिकारी बन चुकी हैं। उन्होंने सफलतापूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया, जिससे उनके आत्मविश्वास में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
अन्य छात्राओं को भी मिला मौका
इसके अलावा, चित्रकूट की मनोरमा पटेल को एक दिन का जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) और पारो को एक दिन का जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) बनाया गया था। इन छात्राओं ने भी अपने कार्यों का सफलता से निर्वहन किया और विभागीय मामलों की सुनवाई की।
सरकार की अनूठी पहल
योगी सरकार की यह पहल समाज में बेटियों के योगदान को बढ़ावा देने और उन्हें प्रशासनिक कार्यों की समझ देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मिशन शक्ति 5.0 के तहत बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।