
NEET-UG 2024 विवाद। फाइल फोटो।
नई दिल्ली [TV47 न्यूजनेटवर्क] । NEET UG 2024 row: NEET-UG में ग्रेस अंक पर उपजा विवाद सुप्रीम कोर्ट के साथ सियासी गलियारों तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में परिणाम वापस लेने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि रिजल्ट में ग्रेस मार्क्स देना NTA का मनमाना फैसला है। छात्रों को 718 या 719 मार्क्स देने का कोई मैथमेटिकल आधार नहीं है। घोटाले से जुड़ी याचिकाओं को आठ जुलाई को सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया गया है। आखिर क्या है पूरा विवाद। इसके पीछ क्या है कारण। क्या है एनटीए। कटघरे में क्यों है सरकार।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने परीक्षा कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA को नोटिस जारी करते हुए कहा- NEET UG की विश्वसनीयता प्रभावित हुई है। हमें इसका जवाब चाहिए। ये याचिका छात्रा शिवांगी मिश्रा और नौ अन्य छात्रों ने परिणाम की घोषणा से पहले एक जून को दायर की थी। इसमें बिहार और राजस्थान के परीक्षा केंद्र पर गलत प्रश्नपत्र बंटने के चलते हुई गड़बड़ी की शिकायत की गई थी। याचिका में परीक्षा रद कर SIT जांच की मांग की गई थी।
रिजल्ट के बाद क्यों शुरू हुआ विवाद
दरअसल, NEET रिजल्ट में ग्रेस मार्किंग का जिक्र नहीं है। NTA ने भी रिजल्ट जारी करते वक्त इसकी जानकारी नहीं दी। रिजल्ट आने के बाद प्रतिभागी छात्रों ने सवाल उठाए, तब NTA ने बताया कि ‘लास आफ टाइम’ की वजह से कुछ बच्चों को ग्रेस मार्क दिए गए हैं। ग्रेस मार्क किस फार्मूले के तहत दिए गए, इस बारे में NTA ने कुछ नहीं बताया। बता दें कि NEET यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट, अंडरग्रेजुएट एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। NEET परीक्षा मेडिकल और डेंटल कोर्सेज में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है जो स्टूडेंट्स की गिनती के लिहाज से देश की सबसे बड़ी परीक्षा है। इसके जरिए भारत और रूस, यूक्रेन समेत कुछ अन्य देशों में MBBS,BDS और अन्य मेडिकल कोर्सेज में दाखिला मिलता है। NEET परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTAद्वारा आयोजित किया जाता है।
SC में गया मामला
सुप्रीम कोर्ट में NEET (UG) विवाद पर जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवी भट्टी की बेंच के सामने रखा गया। कोर्ट ने कहा- अगर किसी की ओर से 0.001% भी लापरवाही हुई है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। बच्चों ने परीक्षा की तैयारी की है, हम उनकी मेहनत को नहीं भूल सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और NTA से यह भी कहा कि कल्पना कीजिए कि सिस्टम के साथ धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति यदि डाक्टर बन जाता है, वह समाज के लिए और भी ज्यादा खतरनाक है।
1563 कैंडिडेट के स्कोर कार्ड निरस्त होंगे
हालांकि, विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने के बाद NTA ने 13 जून को अदालत में बताया कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 कैंडिडेट के स्कोर कार्ड निरस्त होंगे। इन छात्रों का 23 जून को दोबारा परीक्षा कराई जाएगी। 30 जून को रिजल्ट आएगा। जो छात्र परीक्षा नहीं देना चाहें, उसके मार्क्स से ग्रेस मार्क्स माइनस करने के बाद फाइनल स्कोर कार्ड जारी किया जाएगा।
सरकार का क्या रहा स्टैंड
केंद्रीय मानव ससंधान विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 13 जून को पेपर लीक के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि इसका कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘NTA पर भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं। यह एक बहुत ही विश्वसनीय संस्था है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है और हम उसके निर्णय का पालन करेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी छात्र को नुकसान न हो।’
राहुन ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
इस मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं। राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने सोशन मीडिया पर अपनी एक पोस्ट में लिखा कि NEET परीक्षा में 24 लाख से अधिक छात्रों के भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ पर भी नरेंद्र मोदी हमेशा की तरह मौन धारण किए हुए हैं। अब इस विवाद में पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल भी कूद पड़े हैं। राज्यसभा सदस्य सिब्बल ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अगर किसी परीक्षा में परीक्षा तंत्र ही भ्रष्ट हो जाए तो -प्रधानमंत्री के लिए चुप्पी साधना ठीक नहीं है। उन्होंने ने सभी विपक्षी दलों से आगामी संसद सत्र में इसको जोर-शोर से उठाने का आग्रह किया। इससे पहले 11 जून को तीन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने NTA को नोटिस जारी किया था और काउंसलिंग प्रक्रिया रोकने से इनकार कर दिया था।