
लखनऊ [TV 47 न्यूज नेटवर्क ] । ईद-उल-अजहा, जिसे आमतौर पर बकरीद के नाम से भी जाना जाता है, मुस्लिम समुदाय का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार समाज में भाईचारे, सहिष्णुता और परंपरा का प्रतीक है। इस पर्व को सम्पन्न कराने के लिए सभी मुस्लिम समुदाय के लोग पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ तैयारियां कर रहे हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस त्योहार को शांतिपूर्ण, सौहार्दपूर्ण एवं सुरक्षा के मद्देनजर आयोजित करने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं।
1. मुख्यमंत्री योगी का स्पष्ट निर्देश: ‘तय जगह पर ही हो कुर्बानी’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ शब्दों में कहा है कि ईद-उल-अजहा के दौरान कुर्बानी केवल निर्धारित स्थानों पर ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी अनावश्यक परंपरा या नई आदत को शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्देश न केवल व्यवस्था बनाए रखने के लिए है, बल्कि सामाजिक सौहार्द और सुरक्षा के लिहाज से भी आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस दौरान किसी भी तरह की अनावश्यक गतिविधि या विवाद को रोकने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठाएगा। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों एवं संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश देते हुए कहा कि त्योहार के दौरान शांति एवं सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए।
2. दिल्ली में भी तय जगह पर ही कुर्बानी
उत्तर प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी तय स्थानों पर ही कुर्बानी देने की एडवाइजरी जारी की गई है। दिल्ली सरकार एवं पुलिस प्रशासन ने इस दिशा में कदम उठाते हुए, सार्वजनिक स्थानों पर अनावश्यक भीड़ और अव्यवस्था से बचने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि हर जगह पर सीमित स्थानों पर ही कुर्बानी की अनुमति होगी और सुरक्षा के मद्देनजर निगरानी भी कड़ी की जाएगी। इस संबंध में सोशल मीडिया पर भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ताकि अफवाहें और गलत सूचनाएं न फैलें।
3. यूपी पुलिस का अलर्ट मोड और सुरक्षा व्यवस्था
यूपी के सभी जिलों में पुलिस बल हाई अलर्ट पर है। लखनऊ में पुलिस का फ्लैग मार्च निकाला गया है, जिसमें विभिन्न थाना क्षेत्रों के अधिकारी एवं पुलिसकर्मी भाग ले रहे हैं। यह फ्लैग मार्च त्योहार के दौरान शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने के उद्देश्य से निकाला गया है।
डीसीपी बिश्वाजित श्रीवास्तव ने कहा कि इस साल कोई नई परंपरा नहीं शुरू होगी। सभी संवेदनशील इलाकों पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैश कैमरों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत नजर रखी जा सके।
सभी स्थानों पर सुरक्षा का कड़ा प्रबंध किया गया है। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही, नागरिकों से भी अपील की गई है कि वह सुरक्षा व्यवस्था का पूर्ण पालन करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
4. सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो पर कार्रवाई
मुरादाबाद के एसपी कुमार रणविजय सिंह ने कहा है कि यदि कोई भी सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो अपलोड करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। त्योहार के दौरान सोशल मीडिया का जिम्मेदारी पूर्वक उपयोग जरूरी है। अफवाहें फैलाने या किसी भी तरह का असामाजिक गतिविधि करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
सभी नागरिकों एवं सोशल मीडिया यूजर्स से अनुरोध है कि वे त्योहार के दौरान सोशल मीडिया का सदुपयोग करें और किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधियों से बचें। यह जरूरी है कि त्योहार को सौहार्दपूर्ण एवं शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाए।
5. अन्य राज्यों में भी सुरक्षा व्यवस्था
नोएडा, अयोध्या, गोरखपुर जैसे शहरों में भी पुलिस बल ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। सुरक्षा का व्यापक बंदोबस्त किया गया है। विशेष रूप से, अयोध्या में राम मंदिर के आसपास एवं गोरखपुर के मुख्य बाजार क्षेत्रों में अतिरिक्त निगरानी की जा रही है।
इन इलाकों में फ्लैग मार्च निकाले गए हैं, तथा पुलिस ने सभी लोगों से अपील की है कि वे अपने आसपास की सुरक्षा का ध्यान रखें। समाज में सौहार्द बनाए रखने के लिए सभी को जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
6. समाजवादी पार्टी एवं नेताओं की अपील
सपा नेता अबू आसिम अंसारी समेत कई राजनीतिक एवं धार्मिक नेताओं ने मुस्लिम समुदाय से विनम्र अपील की है कि वे इस खास मौके पर सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई और समाजिक जिम्मेदारी का पालन करें। उन्होंने कहा कि त्योहार के दौरान किसी भी प्रकार का विवाद या असामाजिक गतिविधि न हो, इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुर्बानी के साथ-साथ समाज में भाईचारे की भावना का प्रचार-प्रसार जरूरी है। यह त्योहार अपने आप में एक धार्मिक एवं सामाजिक पर्व है, और इसे शांति एवं सौहार्द के साथ मनाया जाना चाहिए।
सपा नेता ने यह भी कहा कि समाज में एकता और भाईचारा बनाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से भी आग्रह किया कि वे साफ-सफाई, सामाजिक जिम्मेदारी और सुरक्षा का पूर्ण ध्यान रखें।
7. सामाजिक जिम्मेदारी और परंपरा का निर्वहन
यह त्योहार न केवल धार्मिक महत्व का है बल्कि सामाजिक सौहार्द का भी प्रतीक है। इस अवसर पर सभी समुदायों को चाहिए कि वे जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाएं। त्योहार के दौरान सफाई व्यवस्था का पूरा ध्यान रखें, पशु के अवशेषों को उचित स्थान पर ही फेंकें और सार्वजनिक स्थानों पर अशोभनीय गतिविधियों से बचें।
परंपरानुसार, कुर्बानी का स्थान तय किया गया है, और उसके पालन में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इस पर्व का उद्देश्य समाज में प्रेम, भाईचारे और सहिष्णुता को बढ़ावा देना है।