
New rules for the appointment of Director General of Police (DGP) in Uttar Pradesh
लखनऊ,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति के लिए एक नई और पारदर्शी नियमावली 2024 को मंजूरी दे दी है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाना है। इस नियमावली के तहत डीजीपी का चयन राजनीतिक और कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त रहेगा और यह राज्य की पुलिस प्रणाली की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
क्या है नई नियमावली का उद्देश्य?
नई नियमावली का प्रमुख उद्देश्य उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रमुख पद, यानी डीजीपी, के चयन को पारदर्शी और स्वतंत्र बनाना है। इसके तहत एक चयन समिति का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश करेंगे। इस समिति में राज्य के मुख्य सचिव, संघ लोक सेवा आयोग द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या उनका प्रतिनिधि, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, और राज्य के एक सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक को सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा।
डीजीपी के चयन का तरीका
नई नियमावली के अनुसार, डीजीपी के चयन के लिए समिति यह सुनिश्चित करेगी कि चुने गए अधिकारी की सेवा अवधि कम से कम छह महीने बची हो। इसके अलावा, एक बार नियुक्त होने के बाद डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो साल का होगा। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करेगा कि पुलिस महानिदेशक का कार्यकाल स्थिर रहे और वह राज्य की सुरक्षा व्यवस्था में प्रभावी भूमिका निभा सकें।
अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
इस निर्णय के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर तंज कसा। उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और उसका कार्यकाल दो साल बढ़ाने की व्यवस्था बनाई जा रही है… सवाल यह है कि व्यवस्था बनाने वाले खुद दो साल रहेंगे या नहीं?” हालांकि, उन्होंने इस बयान में किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह टिप्पणी राज्य सरकार की कार्यशैली पर एक स्पष्ट सवाल उठाती है।
डीजीपी के कार्यकाल को लेकर नया प्रावधान
नई नियमावली में एक अहम बदलाव यह किया गया है कि अब डीजीपी का कार्यकाल न्यूनतम दो साल होगा। इससे पहले, डीजीपी के कार्यकाल में कोई निश्चित समय सीमा नहीं थी और नियुक्तियों में राजनीतिक प्रभाव को लेकर कई बार सवाल उठ चुके थे। अब यह प्रावधान सुनिश्चित करेगा कि एक बार नियुक्त होने पर डीजीपी को अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा और वे अपनी योजना और रणनीतियों को पूरी तरह से लागू कर सकेंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार की नई डीजीपी नियुक्ति नियमावली राज्य की पुलिस व्यवस्था को मजबूत और प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय न केवल पुलिस बल की कार्यक्षमता को बढ़ावा देगा, बल्कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में भी सहायक साबित होगा। हालांकि, इस निर्णय पर राजनीति भी गरमा गई है, और विपक्षी नेता इसे लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। अब यह देखना होगा कि इस नियमावली का असर राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर कैसे पड़ता है।