
यूपी पुलिस हिरासत में मौत मामले में कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने।
लखनऊ [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश के चिनहट थाने में पुलिस हिरासत में मोहित पांडेय की मौत ने एक बार फिर राज्य में पुलिस के बर्ताव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मोहित के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने हिरासत में उसके साथ बर्बरता की, जिससे उसकी मौत हो गई। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
“हिरासत में हत्या” का नाम दिया
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मृतक के परिजनों से मुलाकात कर इस घटना को “हिरासत में हत्या” का नाम दिया है। अजय राय ने आरोप लगाया कि “सरकार पीड़ितों को केवल आश्वासन दे रही है और कोई ठोस मदद नहीं की जा रही। अमन गौतम और अब मोहित पांडेय की मौत ने सरकार के न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।”
सहयोग को जुमला करार दिया
उन्होंने कहा कि इन लोगों (मोहित के परिजन) को बुलाकर केवल जुमला दिया जा रहा है। उनका कोई सहयोग नहीं किया गया, ना ही उन्हें नौकरी की बात पक्की की गई और ना ही अभी तक उनको पैसे मिले हैं। राय ने मोहित पांडेय और अमन गौतम की संदिग्ध हालात में पुलिस हिरासत में मौतों को हत्या करार देते हुए कहा कि यह हिरासत में हुई मौतें नहीं बल्कि हत्यायें हैं।
पुलिस हिरासत में पहली घटना अमन गौतम के साथ हुई और दूसरी मोहित पांडेय के साथ हुई। अमन गौतम की पत्नी गर्भवती थी। वह परेशान है। उससे ना तो मुख्यमंत्री मिले और ना ही उसका आर्थिक सहयोग किया। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में कांग्रेस पीड़ित परिजन के साथ खड़ी है।
प्रदेश इकाई के अध्यक्ष ने कहा कि मैंने मोहित पांडेय की मां और भाई से कहा है कि हम स्थानीय न्यायपालिका से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक उनकी मदद करेंगे और जहां भी जरूरत पड़ेगी हम तन, मन, धन से उनके साथ खड़े हैं।
राज्य सरकार द्वारा परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा
राज्य सरकार द्वारा परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा और अन्य सहायता की घोषणा की गई, लेकिन कांग्रेस ने इसे “जुमला” करार दिया। अजय राय ने कहा कि कांग्रेस संकट की इस घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी और न्याय के लिए हर मंच पर उनकी मदद करेगी।