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नोएडा,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के परिणाम गुरुवार को घोषित कर दिए गए। इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पुलिस कांस्टेबल और यूपीपीएससी की परीक्षा पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने इस मामले के मुख्य आरोपियों रवि अत्री और सुभाष प्रकाश को विशेष न्यायालय (पीएमएलए) के आदेश पर हिरासत में लिया। इस कदम से यह मामला और भी सुर्खियों में आ गया है, क्योंकि आरोपियों ने परीक्षा में धांधली करने के लिए एक संगठित आपराधिक गैंग का सहारा लिया था।
ईडी ने आरोपियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है और अब इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है। एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस कार्रवाई की जानकारी दी और कहा कि आगे की जांच में इस गैंग के अन्य सदस्यों और उनके वित्तीय लेन-देन की भी पड़ताल की जाएगी।
पेपर लीक की साजिश का खुलासा
रवि अत्री और सुभाष प्रकाश को इस पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड के रूप में पहचाना गया। इन आरोपियों ने फरवरी में पुलिस कांस्टेबल और यूपीपीएससी की आरओ और एआरओ परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक किए थे। ईडी की जांच से यह स्पष्ट हुआ कि इन आरोपियों ने अभ्यर्थियों को परीक्षा के प्रश्न पत्र समय से पहले मुहैया कराए थे। इस कुकृत्य को अंजाम देने के लिए अभ्यर्थियों को हरियाणा के मानेसर और मध्य प्रदेश के रीवा स्थित रिजॉर्ट्स में रखा गया था, जहां उन्हें परीक्षा सामग्री प्रदान की गई थी। इसके बाद, इन आरोपियों के खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर की गई।
यह पूरी साजिश एक संगठित अपराधी गैंग द्वारा की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य बड़ी मात्रा में धन अर्जित करना था। इस मामले में किए गए वित्तीय लेन-देन और धोखाधड़ी के बारे में अब ईडी की जांच चल रही है।
छात्रों का आक्रोश और सरकार की कार्रवाई
इस पेपर लीक कांड ने उत्तर प्रदेश में भारी बवाल मचा दिया था। हजारों छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किए और सरकार से पारदर्शी जांच तथा परीक्षा की पुनरावृत्ति की मांग की। इसके बाद यूपी सरकार ने पुलिस भर्ती परीक्षा को तत्काल रद्द कर दिया और छह महीने के भीतर नई परीक्षा आयोजित करने का वादा किया। अगस्त 2024 में पुलिस भर्ती परीक्षा दोबारा आयोजित की गई थी।
अब गुरुवार को इस परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया, जिससे छात्रों और अभ्यर्थियों के बीच कुछ राहत की लहर दौड़ी है।