
अलीगढ़[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में तैनात अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) अनिल कुमार सिंह पर 29 अक्टूबर को एक जानलेवा हमला हुआ।
सिंह का आरोप है कि इस हमले की साजिश कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी और उसके गिरोह ने रची थी। उन्होंने बताया कि एक सफेद एसयूवी में सवार पांच अज्ञात हथियारबंद लोगों ने उनकी कार को रोकने की कोशिश की और उन पर गोलीबारी भी की। हालांकि, सिंह हमलावरों से बचकर अलीगढ़-टप्पल राजमार्ग पर स्थित एक पुलिस चौकी में शरण लेने में सफल रहे।
क्या था पूरा मामला?
एडीजे अनिल कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि यह हमला उनके द्वारा सुंदर भाटी और उसके गिरोह के खिलाफ सजा सुनाए जाने की वजह से किया गया। उन्होंने 2015-2016 के कुछ गंभीर मामलों में सुंदर भाटी और उसके गिरोह के 11 सदस्यों को दोषी ठहराया था, जिसमें उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बदले में, सुंदर भाटी के गिरोह ने उनकी हत्या की योजना बनाई और उन्हें जान से मारने की कोशिश की।
सिंह ने पुलिस को अपनी शिकायत में कहा कि उन्हें संदेह है कि इस हमले का मकसद उनके द्वारा गिरोह के सदस्यों को दी गई सजा का बदला लेना था। वे इस हमले को एक आतंकित करने वाली योजना मानते हैं, जिसमें उन पर जानलेवा हमला करने का इरादा था।
घटना की जानकारी में देरी
घटना के बारे में न्यायाधीश ने नौ नवंबर को खैर पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। इस देरी पर सवाल उठाए गए, लेकिन उन्होंने इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन्हें घटना के बाद डर था और इसलिए उन्होंने शुरुआती जानकारी मौखिक रूप से पुलिस अधिकारियों को दी थी।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
पुलिस ने एडीजे की शिकायत पर हत्या के प्रयास समेत विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। स्थानीय पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) एनके सिंह ने पुष्टि की कि मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।
सुंदर भाटी और उसका गिरोह
सुंदर भाटी एक कुख्यात माफिया है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय था। उसके खिलाफ हत्या, लूट, जबरन वसूली समेत 40 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाटी के गिरोह ने उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में आतंक मचाया था।