
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। फाइल फोटो।
लखनऊ, [TV 47 न्यूजनेटवर्क] । उत्तर प्रदेश के बढ़ते अपराध के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) एक्शन मोड में हैं। इस कड़ी में गृह सचिव एसके भगत को हटा दिया गया है। योगी सरकार की गाज कई वरिष्ठ पुलिस अफसरों पर पड़ी है। कई पुलिस कमिश्नरों को भी हटाया गया है। इस कड़ी में प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा को हटा दिया गया है। उनकी जगह पर तरुण गाबा को कमिश्नर बनाया गया है। राजेश द्विवेदी को एसपी कुंभ मेला के पद पर तैनाती दी गई है। योगी सरकार ने शुक्रवार देर रात 11 सीनियर अधिकारियों का तबादला किया है।
खास बात यह है कि प्रयागराज में 2025 में कुंभ लगेगा। कुंभ की तैयारी के बीच प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर का तबादला किया गया है। अब यह तय हो गया है कि प्रयागराज के नए पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा ही कंभु की जिम्मेदारी संभालेंगे। यही कारण है कि महाकुंभ के पहले प्रयागराज की उन्हें कमान दी गई है। गाबा की करियर हिस्ट्री दमदार है। सीबीआई में धाक जमाने वाले आईपीएस तरुण गाबा कौन हैं।
2001 बैच के आईपीएस अफसर तरुव गाबा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से यूपी कैडर में वापस आ गए हैं। सीबीआई में रहते हुए गाबा आईपीएस राकेश अस्थाना मामले को देख रहे थे। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद गाबा को आईजी विजिलेंस बनाया गया था।
पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद रमित शर्मा जनपद के पहले पुलिस कमिश्नर बनाए गए थे। रमित शर्मा के कार्यकाल में उमेश पाल हत्याकांड से लेकर माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के अलावा उसके गैंग के कई शूटरों का एनकाउंटर किया गया। साथ ही उनके मकानों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की गई। पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद प्रयागराज के पहले कमिश्नर बनाए गए रमित शर्मा को एडीजी बरेली के पद पर भेजा गया है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाद विपक्ष के निशाने पर है योगी सरकार है। कानून व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि गोरखपुर में हत्या, दुष्कर्म व अपहरण की घटनाएं बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अगर यही हाल रहा तो गोरखपुर का नाम बदलकर गुनाहपुर करना पड़ेगा।