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लखनऊ,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। उत्तर प्रदेश का गैंगस्टर एक्ट, जिसे उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम कहा जाता है, लंबे समय से विवादों में है। यह कानून 1986 में लागू किया गया था और तब से ही इसके प्रावधानों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप चलते रहे हैं।
अब, सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून पर जनवरी 2025 के पहले सप्ताह में सुनवाई करने का निर्णय लिया है। इस कानून को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह कानून जारी रहेगा या फिर इसे बदल दिया जाएगा। इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने इस कानून में बदलाव के संकेत दिए हैं।
उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट की विशेषताएं
उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट की शुरुआत अपराधियों और गैंगस्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के उद्देश्य से की गई थी। इस कानून के तहत, गैंगस्टर से जुड़े अपराधियों के खिलाफ दो से 10 साल तक की सजा और कम से कम 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।
अगर सरकारी कर्मचारी या उनके परिवार के सदस्य पर कोई अपराध साबित होता है, तो तीन साल तक की सजा हो सकती है। इस कानून के तहत, गैंगस्टर को मदद देने वाले सरकारी कर्मचारियों को भी तीन से 10 साल की सजा हो सकती है।
इस कानून को उत्तर प्रदेश पुलिस का एक प्रमुख हथियार माना जाता है, लेकिन आरोप है कि पुलिस इसे मनमानी तरीके से उपयोग करती है, जिससे कई बार निर्दोष लोगों को भी इसका शिकार होना पड़ता है। यही कारण है कि इस कानून को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं और इसे लेकर विवाद भी पैदा हुआ है।
उत्तर प्रदेश सरकार का नया दिशा-निर्देश
सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट पर चल रही सुनवाई के दौरान, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस कानून को लेकर अपने नए दिशा-निर्देश पेश करने का निर्णय लिया है। सरकार के वकील ने बताया कि वर्तमान आपराधिक मामलों में इस कानून के लागू होने पर पुनः विचार किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह कहा कि वे गैंगस्टर एक्ट के प्रावधानों को लागू करने के नए दिशा-निर्देश तैयार कर रहे हैं।
इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने टिप्पणी की कि इस कानून के कुछ प्रावधान कठोर प्रतीत होते हैं और राज्य सरकार को यह विचार करना चाहिए कि इसे कहां लागू किया जाए और कहां नहीं। उत्तर प्रदेश सरकार ने जवाब में कहा कि वह इस दिशा-निर्देश को जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करेगी और इस मामले को भी जांचा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में इस विवादित कानून पर अगली सुनवाई जनवरी 2025 के पहले हफ्ते में होने वाली है। इस सुनवाई में यह तय किया जाएगा कि उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट को लेकर क्या बदलाव किए जाएंगे और इस कानून के वर्तमान प्रावधानों को लागू करने की प्रक्रिया में क्या सुधार किया जा सकता है। यह सुनवाई उत्तर प्रदेश सरकार के लिए एक अहम अवसर है, जिसमें वह अपने दिशा-निर्देशों को सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रस्तुत करेगी और यह स्पष्ट होगा कि इस कानून को किस दिशा में आगे बढ़ाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट पर भविष्यवाणी
उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से यह उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य सरकार इस कानून में कुछ बदलाव करने के लिए तैयार हो सकती है। इसका उद्देश्य यह हो सकता है कि गैंगस्टर एक्ट का उपयोग नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन किए बिना, केवल अपराधियों के खिलाफ किया जाए। यह बदलाव राज्य में कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।