
सपा प्रमुख अखिलेश यादव की फाइल फोटो।
लखनऊ [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश उपचुनाव 2024 में करहल सीट पर सपा और भाजपा के बीच संघर्ष तीव्र हो गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि अब वह रिश्तेदारवादी बन गई है, जो पहले सपा पर लगाया गया था। अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने उनके चचेरे बहनोई अनुजेश यादव को करहल से चुनाव में उतारा है, जबकि यह क्षेत्र सपा का गढ़ माना जाता है। वहीं, भाजपा ने इसे नीतियों और विकास के मुद्दों की लड़ाई बताया है।
करहल सीट पर रिश्तेदारी की राजनीति का नया अध्याय
अखिलेश यादव ने अपने बयान में कहा कि भाजपा अब उनके परिवारवाद के नारे से आगे निकलते हुए रिश्तेदारवाद की राजनीति में आ गई है। भाजपा प्रत्याशी अनुजेश यादव को सपा के तेज प्रताप यादव के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा गया है, जो सपा प्रमुख के रिश्तेदार हैं। यह चुनावी मुकाबला भतीजे और फूफा के बीच हो रहा है। सपा ने करहल को हमेशा से अपना मजबूत गढ़ माना है और सपा नेता तेज प्रताप यादव इस बार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा का पलटवार: नीतियों और विकास की लड़ाई
भाजपा ने अखिलेश यादव के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यह चुनाव परिवार के रिश्तेदारों के बीच की नहीं, बल्कि नीतियों की लड़ाई है। भाजपा के समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने करहल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह चुनाव सच और झूठ, अपराध और कानून का पालन करने वालों के बीच की लड़ाई है।
सपा और भाजपा दोनों का मिशन करहल
उपचुनाव में करहल सीट का महत्व दोनों ही पार्टियों के लिए अधिक है। करहल से सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और समाजवादियों का पुराना रिश्ता रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि इस बार तेज प्रताप यादव ऐतिहासिक मतों से जीत दर्ज करेंगे। दूसरी ओर, भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में असीम अरुण ने कहा कि भाजपा की नीतियाँ कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाएगी और जंगलराज की वापसी रोकने का प्रयास करेगी।
उपचुनाव में सपा-भाजपा के बीच टकराव
यूपी उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान के दौरान सपा और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर प्रदेश की अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार होने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने किसानों, व्यापारियों, और नौजवानों को धोखा दिया है। भाजपा प्रत्याशी असीम अरुण ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा पूरे समाज के विकास के लिए कार्य कर रही है।
उपचुनाव की तिथि और परिणाम की प्रतीक्षा
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 13 नवंबर को होने जा रहे हैं। इसके परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। सपा और भाजपा दोनों ही दल इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए जीत के लिए जोर-शोर से जुटे हुए हैं।
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