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लखनऊ [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश के उपचुनावों के मद्देनजर राज्य की राजनीतिक फिजा में गरमाहट बढ़ गई है। प्रदेश में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच होने की संभावना है। इसी बीच, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच बयानबाजी ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है।
भाजपा का सपा के पीडीए पर तंज
सपा के ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित,अल्पसंख्यक) मॉडल पर भाजपा ने कटाक्ष करते हुए इसे ‘परिवार डेवलपमेंट एजेंसी’ कहा। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक बयान में कहा कि सपा का पीडीए सिर्फ परिवार के विकास के लिए है और उन्होंने अखिलेश यादव पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। मौर्य का कहना है कि सपा का असली उद्देश्य सिर्फ अपने परिवार का विस्तार करना है, जबकि भाजपा गरीबों और पिछड़ों को समान रूप से राजनीति में शामिल कर लोकतंत्र को मजबूत कर रही है।
अखिलेश यादव का भाजपा पर पलटवार
उधर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे को नकारात्मक और निराशा भरा बताया। अखिलेश ने कहा कि यह नारा भाजपा की असफलताओं को छुपाने का प्रयास है और इस प्रकार के भयभीत करने वाले नारों से जनता को गुमराह किया जा रहा है। अखिलेश ने भाजपा के प्रति निशाना साधते हुए कहा कि नकारात्मकता और भय फैलाना उनकी नीतियों का हिस्सा है, और जनता को इससे सावधान रहने की जरूरत है।
उपचुनावों के राजनीतिक मायने
इन उपचुनावों में उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर मुकाबला है। जिन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें से आठ पर लोकसभा चुनावों के बाद से स्थान रिक्त हुए थे, जबकि सीसामऊ सीट पर आपराधिक मामलों के चलते सपा विधायक की अयोग्यता के कारण चुनाव हो रहा है। प्रमुख सीटें कटेहरी, करहल, मीरापुर, गाजियाबाद, मझवां, सीसामऊ, खैर, फूलपुर और कुंदरकी हैं। मतदान 13 नवंबर को होगा और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।