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लखनऊ [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद अब सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) यूपी विधानसभा उपचुनाव 2024 की तैयारी में जुट गई है। उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिन पर भाजपा और विपक्ष के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है। इन चुनावों में प्रत्याशियों का चयन भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें केंद्रीय नेतृत्व की अहम भूमिका होगी। आइए जानते हैं कि भाजपा प्रत्याशी चयन का पूरा फॉर्मूला क्या है और किस तरह से एक नाम पर मुहर लगेगी।
केंद्रीय नेतृत्व करेगा अंतिम फैसला
भाजपा में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया जमीनी स्तर पर शुरू हो चुकी है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लखनऊ स्थित 5 कालिदास आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे।
तीन-तीन नामों का पैनल तैयार: इस बैठक में सभी 10 विधानसभा सीटों के लिए तीन-तीन उम्मीदवारों के नाम तय किए गए हैं। यह सूची प्रदेश नेतृत्व द्वारा भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जाएगी। केंद्रीय नेतृत्व इन तीन नामों में से एक नाम को अंतिम रूप से चुनेगा, जो उपचुनाव में पार्टी का प्रतिनिधित्व करेगा।
सीटें जिन पर होगा उपचुनाव: उपचुनाव जिन सीटों पर होने हैं, उनमें फूलपुर, मझवां, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, और मीरापुर सीटें शामिल हैं।
आरएलडी के खाते में मीरापुर सीट
सूत्रों के मुताबिक एनडीए की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (RLD) को मीरापुर सीट दिए जाने की संभावना है। हालांकि, अभी तक सीटों का आधिकारिक बंटवारा नहीं हुआ है, लेकिन यह सहयोगी दल की एक महत्वपूर्ण सीट हो सकती है।
क्या है सीटों का गणित?
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद, यूपी की 10 विधानसभा सीटें खाली हुईं। इनमें से नौ सीटें उन विधायकों की हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद का पद ग्रहण किया है। इसके अलावा, सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव इसलिए हो रहा है, क्योंकि सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा हो चुकी है और उनकी सीट खाली हो गई है।
सपा का दबदबा: 10 सीटों में से 5 सीटें समाजवादी पार्टी (सपा) के पास थीं। इनमें करहल, सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी, और कुंदरकी शामिल हैं।
भाजपा की पकड़: भाजपा के पास 3 सीटें थीं, जिनमें खैर, गाजियाबाद, और फूलपुर शामिल हैं।
अन्य दलों की सीटें: निषाद पार्टी के पास मझवां सीट थी, जबकि राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के पास मीरापुर सीट थी।
प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया और चुनावी समीकरण
भाजपा अपनी रणनीति को मजबूती से तैयार कर रही है। हर विधानसभा सीट पर स्थानीय और केंद्रीय नेतृत्व के समन्वय से तीन नामों की सूची तैयार की गई है, जो पार्टी के केंद्रीय नेताओं को भेजी जाएगी। केंद्रीय नेतृत्व तीन नामों में से एक नाम को फाइनल करेगा और इसकी घोषणा की जाएगी।
उपचुनाव भाजपा के लिए क्यों है महत्वपूर्ण?
लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ सीटों पर मिली हार के बाद, भाजपा उपचुनाव में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहती है। इस चुनाव में पार्टी की रणनीति पूरी तरह से केंद्र और राज्य के स्तर पर समन्वय से बनाई जा रही है।