
नई दिल्ली [प्रज्ञा मिश्रा]। हम आपको आज भारत के एक ऐसे प्राचीन शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पूरे सावन माह जलाभिषेक नहीं होता। राष्ट्रीय संत, बालब्रह्मचारी, शिवयोगी, फलाहारी अभय चैतन्य स्वामी मौनी महाराज ने बताया कि यह प्राचीन शिव मंदिर उत्तर प्रदेश में अयोध्या के निकट अमेठी जिले के सगरा धाम में स्थित है। सगरा पीठाधीश्वर मौनी महाराज कहते हैं कि यहां पूरे सावन माह जलाभिषेक नहीं होता, मगर यहां के जैसे अभिषेक पूरे देश में शायद ही कहीं होता होगा। यहां होने वाले खास तरह के भगवान शिव के अभिषेक को देखने के लिए देश-विदेश के भक्तों का मेला लगता है।
मौनी महाराज ने बताया कि भारत का यह एकमात्र प्राचीन शिव मंदिर है जहां पूरे सावन माह तक 24 घंटे भगवान शिव का अभिषेक खास तरीके से किया जाता है। यहां भगवान शिव का अभिषेक करने के लिए चावल, अष्टगंध, इत्र, गंगाजल, केसर आदि से अभिषेक होता है। उन्होंने बताया कि ऐसा करने से भगवान शिव पूरी तरह प्रसन्न होते हैं। देवाधिदेव, महादेव, दिगंबर, महाकालेश्वर, भगवान भोलेनाथ की कृपा तब पूरे विश्व पर बरसती है। संपूर्ण मानव जाति का कल्याण होता है। पूरे जनमानस के लिए इस तरह का खास अनुष्ठान सगरा आश्रम के प्राचीन शिव मंदिर में पिछले 38 वर्षों से होता चला आ रहा है। रात-दिन यहां भगवान शिव का जाप चलता रहता है। ताकि पूरे भारत वर्ष में कहीं अकाल न पड़े।
हर सोमवार को जलते हैं 1 लाख 51 हजार दीप
शिवयोगी मौनी महाराज ने बताया कि सावन के प्रत्येक सोमवार को यहां 1 लाख 51 हजार द्वीपों का प्रज्जवलन होता है। 251 कुंडों में हवन होता है। इस दौरान 51 मन का मिष्ठान भोग भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। इसमें काला जाम, जलेबी, दूध के मिष्ठान समेत अन्य नाना प्रकार की मिठाइयां, विभिन्न तरह के मौसमी फल इत्यादि बाबा विश्वनाथ को समर्पित किए जाते हैं। वैसे तो यहां पूरे सावन माह भक्तों का मेला रहता है। मगर हर सावन के सोमवार को होने वाले खास द्वीप प्रज्जवल और कुंडीय महायज्ञ को देखने के लिए देश-विदेश से हजारों भक्त यहां आते हैं।
यह सावन है खास
मौनी महाराज ने बताया कि यह सावन माह बेहद खास है। इसका पहला दिन सोमवार था और आखिरी दिन भी सोमवार है। लगभग 49 वर्षों बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बना है। इस दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए 1 अरब से अधिक मंत्रों का जाप 21 विद्वानों द्वारा लगातार 24 घंटे पूरे सावन माह के दौरान किया जाता है। भगवान भोले अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं।
उज्जैन जैसा विशाल शिवलिंग है मौजूद
इस प्राचीन शिव मंदिर में उज्जैन के महाकाल मंदिर जैसे विशाल शिवलिंग स्थित है। यह मंदिर और शिवलिंग रुद्राक्ष की मालाओं से आच्छादित है। यहां रोज रात 12 बजे भव्य भष्म आरती होती है। साथ ही 5 लाख 51 हजार बेल पत्र, दूर्बा, शम्मी पत्र इत्यादि भगवान शिव को समर्पित किए जाते हैं। नाना प्रकार के अर्ग से बाबा का अभिषेक किया जाता है।
