
भारत की जनसंख्या। फाइल फोटो।
प्रज्ञा मिश्रा, नई दिल्लीः UN population Report: भारत की जनसंख्या को लेकर UN ने किया एक और चौंकाने वाला दावा, उड़ जाएंगे होशदुनिया में भारत सर्वाधिक आबादी वाला देश है। यहां युवाओं की आबादी सबसे ज्यादा है। विश्व में सबसे नौजवान देश के तौर पर माने जाने वाले भारत की आबादी को लेकर संयुक्त राष्ट्र की इकाई ‘यूएनएफपीए- इंडिया’ ने एक और चौंकाने वाला दावा किया है, जिसके बारे में जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। बता दें कि भारत में बुजुर्गों की आबादी अब युवाओं की तर्ज पर तेजी से बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की भारत इकाई ‘यूएनएफपीए- इंडिया’ ने भारत में अगले कुछ वर्षों में बुजुर्गों की आबादी 2 गुना तक बढ़ जाने की सनसनीखेज रिपोर्ट दी है। ‘
यूएनएफपीए- इंडिया’ की प्रमुख एंड्रिया वोजनार ने कहा है कि भारत में बुजुर्गों की आबादी 2050 तक दोगुनी हो जाने की संभावना है। ऐसे में खासकर उन बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवा, आवास और पेंशन में अधिक निवेश किए जाने की जरूरत है, जिनके ‘‘अकेले रह जाने और गरीबी का सामना करने की अधिक आशंका है।’’यूएनएफपीए-इंडिया’ की ‘रेजिडेंट’ प्रतिनिधि वोजनार ने जनसंख्या के उन प्रमुख रुझानों को रेखांकित किया, जिन्हें भारत सतत विकास में तेजी लाने के लिए प्राथमिकता दे रहा है। इनमें युवा आबादी, वृद्ध जनसंख्या, शहरीकरण, प्रवासन और जलवायु के अनुसार बदलाव करना शामिल हैं।
60 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों की कितनी होगी संख्या
उक्त कारकों की वजह से देश के लिए अनूठी चुनौतियां और अवसर पेश करते हैं। वोजनार ने कहा कि भारत में 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों की संख्या 2050 तक दोगुनी होकर 34 करोड़ 60 लाख हो जाने का अनुमान है, इसलिए स्वास्थ्य सेवा, आवास और पेंशन योजनाओं में निवेश बढ़ाने की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘सकर वृद्ध महिलाओं के लिए ऐसा करना आवश्यक है, जिनके अकेले रहने और गरीबी का सामना करने की अधिक आशंका है।’’
भारत है युवाओं का देश
‘यूएनएफपीए-इंडिया’ प्रमुख ने कहा कि भारत में युवा आबादी काफी है और 10 से 19 वर्ष की आयु के 25 करोड़ 20 लाख लोग हैं। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, नौकरी के लिए प्रशिक्षण और रोजगार सृजन में निवेश करने से इस जनसांख्यिकीय क्षमता को भुनाया जा सकता है और देश को सतत प्रगति की ओर अग्रसर किया जा सकता है। वोजनार ने कहा, ‘‘भारत में 2050 तक 50 प्रतिशत शहरी आबादी होने का अनुमान है, इसलिए झुग्गी बस्तियों की वृद्धि, वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए स्मार्ट शहरों, मजबूत बुनियादी ढांचे और किफायती आवास का निर्माण महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शहरी योजनाओं में महिलाओं की सुरक्षा संबंधी जरूरतों, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा एवं नौकरियों तक पहुंच को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए, ताकि लैंगिक समानता को बढ़ावा दिया जा सके और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार हो सके।’’ वोजनार ने यह भी कहा कि आंतरिक और बाहरी प्रवासन को प्रबंधित करने के लिए अच्छे से सोच-विचार कर योजना बनाने, कौशल विकास करने और आर्थिक अवसर वितरण की आवश्यकता होती है।
