
अब स्वतंत्रता सेनानी एक्स पलटाने की कोशिश।
गाजीपुर, [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। कानपुर के पनकी में ट्रैक पर रखे पटरी के टुकड़े से टकराकर साबरमती एक्सप्रेस के बेपटरी होने, फर्रुखाबाद में पैसेंजर ट्रेन से लकड़ी का बोटा टकराने और कानपुर-कासगंज रेलवे लाइन पर कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने के लिए पटरी पर गैस सिलिंडर रखे जाने के बाद अब गाजीपुर में भी ऐसी ही घटना हुई है।
बिहार के जयनगर से चलकर नई दिल्ली जा रही स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस (12561) ट्रेन रविवार देर रात 2:50 बजे गाजीपुर सिटी स्टेशन से दो किलोमीटर पहले नुरुद्दीनपुरा के पास पटरियों के बीच में रखे लगभग ढाई फीट लंबे, पांच इंच मोटे लकड़ी के टुकड़े से टकरा गई।
ट्रेन की गति उस समय लगभग 50 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका लेकिन इंजन की हौज पाइप क्षतिग्रस्त हो गई। इस कारण ट्रेन सुनसान इलाके में लगभग ढाई घंटे तक खड़ी रही। सुबह लगभग पांच बजे औड़िहार स्टेशन से दूसरा इंजन लाकर उसे आगे रवाना किया गया।
पुलिस अधीक्षक डा. ईरज राजा ने कहा कि यह मामला अति संवेदनशील है। शहर कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मामले की जांच आरपीएफ, जीआरपी और जनपद की पुलिस कर रही है। देर रात आरपीएफ कमांडेंट एस. रामकृष्णन ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
घटनास्थल से लगभग तीन मीटर की दूरी पर लकड़ी से कोयला बनाने वाली कई भट्ठियां संचालित होती हैं। इस कारण पटरी के किनारे भारी संख्या में लकड़ी के मोटे-मोटे गुटके पड़े रहते हैं। नियमानुसार पटरी से 30 मीटर की दूरी तक कोई व्यावसायिक गतिविधि या निवास नहीं होना चाहिए।
आरपीएफ प्रभारी अमित राय के अनुसार इन लकड़ियों में से ही एक बड़ा टुकड़ा पटरी पर डाला गया था। एसपी ने कोयला बनाने की भट्ठी चला रहे लोगों को तत्काल वहां से हटाने का निर्देश दिया है। इससे पहले 10 सितंबर को भी शहर से सटे चकफैज छतरी बिंदवलिया के पास पटरी पर लगभग दो मीटर तक गिट्टी रखकर प्रयागराज-रामबाग-बलिया पैसेंजर ट्रेन को डिरेल करने का प्रयास किया गया था।
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