
Agra Semra News File Photo
आगरा [TV 47 न्यूज़ नेटवर्क] पांच भाइयों के तीन परिवार हो गए खत्म, इतनी लाशें…कब्रें खुदवाने के लिए मंगाना पड़ा बुलडोजर आगरा सैमरा गांव में पहली बार दिल दहलाने वाले इतने बड़े हादसे ने आसपास क्षेत्रों के लोगों को भी हिलाकर रख दिया है। दुर्घटना में पांच भाइयों के तीन परिवार के लोग काल के गाल में समा गए।
पहली बार कब्रिस्तान में एक साथ इतने शव दफन करने के लिए लाए गए हैं। कब्रें खुदवाने के लिए प्रशासन को बुलडोजर मंगाना पड़ गया। हाथरस में हुई जनरथ बस और मैक्स की टक्कर में मरने वाले ज्यादातर लोग सैमरा गांव के हैं। इस हादसे की सूचना से सैमरा गांव की तेली बस्ती में चीख-पुकार मच गई।
जिसे भी दुर्घटना के बारे में मालूम पड़ा, वह बेदरिया के मकान की तरफ दौड़ पड़ा। बेदरिया, लतीफ, मुन्ना, चुन्नासी और शान मोहम्मद के परिवार के सदस्यों की हादसे में मौत हुई है। इसमें मासूम बच्चे भी शामिल हैं।
देर रात तक प्रशासन और पुलिस विभाग के लोग हाथरस से शव एंबुलेंस से लाने में लगे रहे। रात के सन्नाटे को बेदरिया के मकान वाली गली में महिला, पुरुष और बच्चों के रोने की चीख-पुकार तोड़ती रही। हर किसी की जुबान पर इसी घटना की चर्चा रही।
एक दर्जन से अधिक शव एक साथ कब्रिस्तान तक ले जाना भी प्रशासन के सामने चुनौती बना रहा। इसके लिए पहले से कब्रिस्तान में तैयारी की गई और जेसीबी से कब्रें तैयार कराई गईं। मृतक परिवार के सदस्य सोनू ने बताया कि पहली बार कब्रिस्तान में एक साथ इतने शव दफनाए जाएंगे। इससे पहले कभी भी इतने शव एक साथ कब्रिस्तान नहीं ले जाए गए। देर रात तक शवों के आने का सिलसिला जारी रहा।
तंबू लगाकर रखे गए शव
बस्ती में शव लाने से पहले पुलिसकर्मियों को स्थान खोजने की कवायद करनी पड़ी। यहां 16 शव आने थे। बस्ती में पहले पंचायत घर की जमीन को देखा गया। इसके बाद बस्ती के स्कूल पर शव एकत्रित करने का निर्णय लिया गया। पुलिस ने स्कूल के अंदर शव रखवाने का प्रयास किया लेकिन गेट का ताला नहीं खुला। इस वजह से स्कूल परिसर के बाहर तंबू लगाकर शव रखे गए।