
Bareilly News Sitarganj Highway Case
बरेली, [TV 47 न्यूज़ नेटवर्क ] सितारगंज हाईवे भूमि अधिग्रहण में धांधली के मामले में शासन स्तर पर पांच अधिकारियों और कर्मचारियों के निलंबन की चर्चा तेज हो गई है। यह कार्रवाई डीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है, जिसमें 13 अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाए गए थे। इस प्रकरण में पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है।
जांच में तत्कालीन विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी मदन कुमार और आशीष कुमार, साथ ही लेखपाल सुरेश सक्सेना समेत अन्य को दोषी ठहराया गया है। इसके अलावा मंडलायुक्त की जांच में 18 अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को भी दोषी पाया गया है।
बरेली-पीलीभीत-सितारगंज चौड़ीकरण परियोजना 2018 में शुरू हुई थी, जिसके बाद अधिक मुआवजे का खेल शुरू हुआ। प्रस्तावित मार्ग का एलाइनमेंट लीक कर बाहरी लोगों द्वारा किसानों से भूमि खरीदने की जानकारी सामने आई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एनएचएआइ ने भी तत्कालीन परियोजना निदेशक और क्षेत्रीय अधिकारी को निलंबित किया था।
डीएम रविंद्र कुमार ने सीडीओ जगप्रवेश की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई, जिसने बरेली-सितारगंज हाईवे और रिंग रोड के मुआवजे की जांच की। इस जांच में 21.52 करोड़ रुपये की धांधली का खुलासा हुआ।
मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल द्वारा गठित समिति ने पीलीभीत में भूमि अधिग्रहण की जांच में 58.91 करोड़ रुपये की धांधली पकड़ी। इस जांच में 18 अधिकारियों को दोषी ठहराया गया, जिनमें एनएचएआइ के उच्च अधिकारी भी शामिल हैं।
अब शासन के निर्देश पर दोषियों पर कार्रवाई का इंतजार है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की कार्रवाई का अनुमान लगाया जा रहा है।