
जम्मू कश्मीर में आतंकवाद।
नई दिल्ली [TV 47 न्यूजनेटवर्क] । Terrorism in Jammu Kashmir जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में आतंकियों द्वारा पुलिस चौकी पर हमले ने छह वर्ष पूर्व बालाकोट की घटना को ताजा कर दिया है। मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद बौखलाए आतंकवादियों ने फिर से घाटी को अपना निशाना बनाया है। ऐसे में एक बार फिर आतंकवादियों के खिलाफ एयरस्ट्राइक की चर्चा जोरों पर है। एयरस्ट्राइक की चर्चा ऐसे समय हो रही है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस और आस्ट्रिया के तीन दिवसीय यात्रा के बाद स्वदेश लौट आए हैं।
एयरस्ट्राइक की अटकलों का बाजार गरम
घाटी में आतंकवादियों की सक्रियता को देखते हुए इन दिनों अटकलों का बाजार गरम है। यह कयास लगाया जा रहा है कि मोदी सरकार एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठा सकती है। इसको लेकर पाकिस्तान में भी खलबली है। हालांकि, अभी तक पाकिस्तान सरकार की ओर से इस तरह का कोई बयान सामने नहीं आया है। पाकिस्तान जानता है कि केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ सख्त है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जिस तरह से आतंकवाद के खिलाफ एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया गया, उससे यह बात कोरी कल्पना नहीं लगती।
आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद मोदी की पहली प्राथमिकता
दिल्ली यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर अभिषेक सिंह का कहना है कि आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद के मामले में मोदी सरकार किसी भी आतंरिक दबाव में नहीं आएगी। ये विषय मोदी सरकार की पहली प्राथमिकता है। ऐसे में भाजपा का सदन में बहुमत होने या नहीं होने से कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि दूसरे एनडीए के सहयोगी दल भारतीय विदेश नीति या राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कोई रोड़ा नहीं अटकाएंगे। प्रो सिंह का कहना है कि भारत ने अतंरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के मसले को जोर-शोर से उठाया है। उन्होंने कहा कि इसका ताजा उदाहरण गाजा पट्टी पर हमास का हमला है। उन्होंने कहा कि जहां तक पाकिस्तान के नजरिए का सवाल है तो पाकिस्तान का यह दृष्टिकोण हो सकता है कि भारत में गठबंधन सरकार का लाभ उठाया जा सकता है, लेकिन यह उसकी मुगालता है।
2024 के आम चुनाव में भाजपा को बहुमत नहीं
-पाकिस्तान सरकार इस बात को बखूबी जानती है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में संख्या बल के कारण सदन में भाजपा की स्थित कमजोर हुई है। इस बार केंद्र में एनडीए की सरकार है, न कि भाजपा की। इसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीसरी पारी में उस तरह से शक्तिशाली नहीं हैं, जिस तरह से वह अपने पहले व दूसरे कार्यकाल में थे। पाकिस्तान जानता है कि पीएम मोदी वर्ष 2019 की तरह बोल्ड फैसला लेने से सक्षम नहीं हैं। 2014 एवं 2019 के आम चुनाव में मोदी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा था। दोनों आम चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला था। केंद्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को एनडीए के घटक दलों की जरूरत नहीं थी, लेकिन इस बार स्थित एक दम विपरीत है। मोदी सरकार एनडीए के घटक दलों के सहयोग से चल रही है।
-ऐसे में पाकिस्तान सरकार यह अनुमान लगा रही होगी कि आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार यदि कोई सख्त कदम उठाती है तो इसका विरोध सबसे पहले उसे देश के अंदर ही झेलना होगा। पाकिस्तान जानता है कि इस बार विपक्ष पूर्व की तरह लचर और कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत और आक्रामक है। इसलिए मोदी सरकार के लिए एयर स्ट्राइक का फैसला लेना इतना आसान नहीं होगा। हालांकि, भारत का विपक्ष ओर पाकिस्तान की हुकूमत मोदी के अड़ियल रुख से वाकिफ हैं। वह ये जानते हैं कि मोदी राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाने में हिचकेंगे नहीं।
-गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में बड़ी आंतकी घटना सामने आई है। आतंकवादियों ने एक पुलिस चौकी को घेर कर फायरिंग की है। आतंकियों की फायरिंग के बाद सुरक्षाबल जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में कठुआ के बाद यह सातवां बड़ा अटैक है। मौके पर दोनों तरफ से गोलीबारी जारी है। जम्मू कश्मीर पुलिस के अनुसार आतंकवादियों को कड़ा जवाब दिया जा रहा है। जंगल की तरफ भागे आतंकियों की तलाश की जा रही है।
2019 में भारतीय वायुसेना की बालाकोट एयरस्ट्राइक
वर्ष 2019 में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के घर में घुसकर बालाकोट एयरस्ट्राइक की थी। भारतीय सेना के इस बड़े एक्शन ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी थी। उस वक्त मोदी सरकार ने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ बड़ा कदम उठाया था। इस फैसले की देश में भी प्रशंसा हुई थी। भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक के लिए पीओके नहीं बल्कि पाकिस्तानी सीमा को पार किया और पुलवामा हमले का बदला लिया। भारतीय लड़ाकू विमान ने पाकिस्तानी एयरफोर्स के रडार सिस्टम को भी चकमा दिया और बालाकोट में आतंकी कैंपो पर बमबारी की।