
टीवी 47 न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क] सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माणों पर बुलडोजर एक्शन को लेकर महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि आरोप के आधार पर बुलडोजर चलाना और किसी दोषी के परिवार के घर को गिराना गलत है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी दोषी के घर को गिराना न्यायसंगत नहीं है और इसके लिए स्पष्ट दिशा-निर्देशों की आवश्यकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पूरे देश में एक समान दिशा-निर्देश लागू होंगे ताकि किसी भी अवैध निर्माण को बिना पूर्वाग्रह और उचित प्रक्रिया के नहीं गिराया जाए। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को तय की है। इस निर्णय से संबंधित सभी पक्षों को राहत मिली है और न्याय की प्रक्रिया को लेकर आश्वस्त किया गया है।

पाठकों को बता दें कि, जमीयत उलेमा ए हिन्द ने याचिका दाखिल कर सरकारों द्वारा आरोपियों के घरों पर मनमाने ढंग से बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में यूपी, मध्यप्रदेश और राजस्थान में हाल में हुई बुलडोजर कार्रवाइयों का उल्लेख करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में ‘बुलडोजर जस्टिस’ की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से शीघ्र सुनवाई की अपील की गई थी। वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी। याचिका जहांगीरपुरी मामले में वकील फरूख रशीद द्वारा दाखिल की गई थी। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकारें हाशिए पर मौजूद लोगों, खासकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ दमन चक्र चलाकर उनके घरों और संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे पीड़ितों को कानूनी उपाय करने का मौका नहीं मिलता।