
महाकुंभ 2025
प्रयागराज,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। महाकुंभ नगर में आस्था और धार्मिक विश्वास का सबसे बड़ा उत्सव, महाकुंभ , अपने पूर्ण स्वरूप में नजर आ रहा है। इस महाकुंभ के अंतर्गत विभिन्न अखाड़ों का नगर में प्रवेश हो रहा है, और श्रद्धालु इन अखाड़ों का स्वागत कर रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार को श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़े ने महाकुम्भ नगर की छावनी में अपनी भव्य और राजसी यात्रा शुरू की।
यह यात्रा विशेष रूप से धार्मिक महत्व रखती है, क्योंकि श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा सनातन धर्म के 13 प्रमुख अखाड़ों में से सबसे पुराना और प्रतिष्ठित माना जाता है। इस अखाड़े का महाकुंभ नगर में प्रवेश न केवल एक धार्मिक घटना है, बल्कि यह सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है।
आचार्य स्वामी अरुण गिरी की अगुवाई में यात्रा
श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़े की यात्रा की अगुवाई आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी ने की। इस यात्रा में सैकड़ों साधु-संतों ने हिस्सा लिया, जिनमें नागा सन्यासी भी शामिल थे। नागा सन्यासियों द्वारा तलवारों को लहराते हुए अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया गया, जिसने महा कुंभ के धार्मिक माहौल को और भी रहस्यमय बना दिया।
स्वामी अरुण गिरी के नेतृत्व में यह यात्रा मड़ौका स्थित आवाहन अखाड़े के स्थानीय आश्रम से प्रारंभ हुई, और घोड़े तथा ऊंटों पर सवार संतों के साथ यह यात्रा छावनी में पहुंची। श्रद्धालुओं ने यात्रा के दौरान “हर हर महादेव” के जयकारों के साथ संतों का स्वागत किया और पुष्प वर्षा की।
श्रद्धालुओं का श्रद्धा भाव
इस यात्रा के दौरान, महाकुम्भ प्रशासन और श्रद्धालुओं ने मिलकर अखाड़े के संतों का भरपूर सम्मान किया। महाकुम्भ में शामिल होने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु विभिन्न अखाड़ों के संतों का स्वागत करने के लिए उमड़ते हैं। इस यात्रा ने एक बार फिर से यह प्रमाणित किया कि महाकुंभ ऐसा धार्मिक और सांस्कृतिक मेला है, जहां सनातन धर्म के अनुयायी अपनी आस्था और श्रद्धा का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा: एक ऐतिहासिक विरासत
श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा एक प्राचीन और ऐतिहासिक धर्म स्थल है, जो सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर का प्रतीक है। आचार्य स्वामी अरुण गिरी ने अपने बयान में कहा कि इस अखाड़े का महाकुंभ नगर में प्रवेश एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक घटनाक्रम है, जो उनके अखाड़े के इतिहास और धर्म से जुड़ी गहरी आस्था को प्रदर्शित करता है।
स्वामी अरुण गिरी ने यह भी बताया कि उनका अखाड़ा सनातन धर्म के अनुयायियों को एकजुट करने का काम करता है, और उनका उद्देश्य समाज में शांति, भाईचारे और धार्मिक समरसता को बढ़ावा देना है। इस अखाड़े के द्वारा हर साल महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में सहभागिता की जाती है, जिससे लोग धर्म, आस्था और संस्कृति के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त कर सकें।