
शक्ति भवन पर बिजली कर्मियों का अनशन शुरू, निजीकरण के खिलाफ बढ़ा विरोध
लखनऊ [ TV 47 न्यूज़ नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित शक्ति भवन एक बार फिर बिजली विभाग के कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन का केंद्र बन गया है। निजीकरण के खिलाफ संघर्ष समिति की अगुवाई में केंद्रीय पदाधिकारी व संविदा कर्मियों ने अनशन शुरू कर दिया है।
निजीकरण के खिलाफ आवाज़, धरने पर बैठे बिजली कर्मी
प्रदर्शनकारी कर्मियों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा बिजली क्षेत्र में तेजी से हो रहे निजीकरण से न केवल उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा, बल्कि हजारों संविदा कर्मचारियों की नौकरियों पर भी संकट मंडरा रहा है। इसी को लेकर संघर्ष समिति ने अनशन की शुरुआत की है।
संविदा कर्मियों की बहाली की मांग उठी
अनशन में शामिल संविदा कर्मियों ने राज्य सरकार से स्थायी बहाली और सुरक्षा की गारंटी देने की मांग की है। उनका कहना है कि वर्षों से कार्यरत कर्मियों को बाहर करने की तैयारी न केवल अन्याय है, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में कुशल श्रमिकों की उपेक्षा भी है।
ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप की अपील
संघर्ष समिति और कई कर्मचारी संगठनों ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि अगर सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला, तो यह आंदोलन और तेज़ होगा।