नई दिल्ली [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। आज का दिन विश्व राजनीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने जा रहा है क्योंकि चीन में आयोजित SCO (शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन) शिखर सम्मेलन 2025 का आगाज हो रहा है। इस सम्मेलन का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जैसे वैश्विक नेताओं की मुलाकात हो रही है। यह बैठक न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग के मुद्दों पर चर्चा का मंच है, बल्कि इससे वैश्विक स्थिरता और शक्ति संतुलन पर भी असर पड़ने की संभावना है।
2025 का SCO शिखर सम्मेलन: मुख्य उद्देश्य और एजेंडा
सम्मेलन का स्थान और समय
यह वार्षिक शिखर सम्मेलन 2024 में चीन के शहर में आयोजित हो रहा है। इसकी अवधि, मुख्य कार्यक्रम और विशेष सत्रों का विवरण।
मुख्य एजेंडा
- सुरक्षा और आतंकवाद का मुकाबला: सीमा सुरक्षा, सीमा पार आतंकवाद पर चर्चा।
- आर्थिक सहयोग: व्यापार, निवेश, ऊर्जा, अवसंरचना विकास।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान: शिक्षा, संस्कृति, युवा कार्यक्रम।
- क्षेत्रीय स्थिरता: सीमा समाधान, आपसी संबंध और विवादों का निपटारा।
विशिष्ट मुद्दे
- भारत-चीन संबंध और सीमा विवाद
- रूस-चीन संबंध और सामरिक सहयोग
- नई आर्थिक नीतियां और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य
पीएम मोदी, चिनफिंग और पुतिन की मुलाकात: महत्व और संभावनाएं
नेताओं का परिचय
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: भारत का नेतृत्व, उसकी विदेश नीति, और SCO में उसकी भागीदारी।
- शी चिनफिंग: चीन का राष्ट्रपति, उसकी आर्थिक और विदेश नीति।
- व्लादिमीर पुतिन: रूस के राष्ट्रपति, उसकी रणनीतिक प्राथमिकताएँ।
मुलाकात का महत्व
- राजनीतिक संकेत: भारत-चीन संबंधों में सुधार या तनाव का संकेत।
- आर्थिक सहयोग: नई परियोजनाएं, व्यापार समझौते।
- सामरिक सुरक्षा: क्षेत्रीय सुरक्षा, सीमा विवाद।
- वैश्विक रणनीति: संयुक्त राष्ट्र, ऊर्जा सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी कदम।
संभावित चर्चा के विषय
- सीमा विवाद और शांति प्रयास
- ऊर्जा संसाधनों का साझा उपयोग
- संपर्क और आर्थिक साझेदारी के नए रास्ते
- संयुक्त सैन्य अभ्यास और सुरक्षा साझेदारी
वैश्विक प्रभाव और क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव
भारत-चीन संबंध
संबंधों में सुधार या तनाव के संकेत, सीमा विवाद का समाधान या संक्रमणकालीन समझौते।
रूस-चीन संबंध
सामरिक और आर्थिक सहयोग के नए आयाम, भारत-रूस संबंधों का भविष्य।
वैश्विक राजनीति और सुरक्षा
अंतरराष्ट्रीय मंच पर SCO का स्थान, भारत का भूमिका, और अमेरिका-चीन संबंधों का प्रभाव।
आर्थिक क्षेत्र में संभावनाएँ
साझा परियोजनाएँ, व्यापार समझौते, ऊर्जा सहयोग।
SCO का गठन और इसकी महत्ता
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) 2001 में स्थापित हुआ था, जिसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। इसकी शुरुआत चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के द्वारा की गई थी। बाद में भारत और पाकिस्तान का भी इसमें शामिल होना इसे और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया।
SCO का उद्देश्य और कार्यक्षेत्र
SCO का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसी खतरों का मुकाबला करना है। यह संगठन आर्थिक, सांस्कृतिक और ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग को भी प्रोत्साहित करता है। इस संगठन का क्षेत्रीय अखंडता, स्थिरता और विकास के लिए विशेष ध्यान है।
SCO का ऐतिहासिक महत्व
सभी सदस्य देशों के बीच मजबूत संबंध और साझा हितों ने इसे एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच बना दिया है। यह संगठन न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा का प्रहरी है बल्कि वैश्विक राजनीति में भी इसकी भूमिका अहम है।
