
संभल हिंसा में विदेशी फंडिंग का एंगल
संभल [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। । उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर को हुई हिंसा में पाकिस्तान और अमेरिका के निर्मित कारतूसों की खोज ने एक नए विवाद को जन्म दिया है। संभल हिंसा की घटना बाहरी तत्वों द्वारा प्रेरित हैं। पुलिस और फोरेंसिक टीम की कार्रवाई से यह स्पष्ट हो रहा है कि इस मामले में पाकिस्तान और अमेरिका के निर्मित कारतूसों का इस्तेमाल हुआ, जिससे विदेशी कनेक्शन की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। पुलिस ने इस मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी है, जिसमें खुफिया एजेंसियों की भूमिका भी अहम हो सकती है।
छह कारतूसों के खोखे बरामद
पुलिस और फोरेंसिक टीम की जांच के अनुसार घटनास्थल से छह कारतूसों के खोखे बरामद हुए हैं। इनमें से एक पर ‘पीओएफ’ (पाकिस्तान आर्डिनेंस फैक्ट्री) लिखा है, जबकि एक अन्य पर ‘मेड इन यूएसए’ अंकित है। यह घटनाक्रम हिंसा के पीछे विदेशी साजिश की संभावना को उजागर करता है, जिससे पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
पुलिस और फोरेंसिक टीम की जांच की प्रक्रिया
मंगलवार को पुलिस और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल के आसपास नालियों और झाड़ियों में गहन जांच की। नाली की सफाई के दौरान छह कारतूस के खोखे मिले। इनमें से तीन नाइन एमएम के कारतूस थे। यह विदेशी थे, जबकि तीन अन्य देसी कारतूस थे। पुलिस के मुताबिक पाकिस्तानी और अमेरिकी कारतूस की उपस्थिति से यह स्पष्ट हो रहा है कि इस हिंसा में विदेशी तत्वों की भागीदारी हो सकती है।
विदेशी हाथ की आशंका
संभल के एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने इस मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर स्थिति का मुआयना किया। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो सकता है कि 24 नवंबर की हिंसा के पीछे विदेशी साजिश का हाथ हो सकता है। पुलिस ने अब इस क्षेत्र में 24 नवंबर को सक्रिय मोबाइल नंबरों की जांच शुरू कर दी है। इससे यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि कौन लोग एक-दो दिन पहले यहां पहुंचे और क्या उन्हें हिंसा के लिए बुलाया गया था।
24 नवंबर की हिंसा का विवरण
19 नवंबर को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कोर्ट में जामा मस्जिद के पास स्थित हरिहर मंदिर का मामला पेश किया गया था। कोर्ट के आदेश पर उसी दिन एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव ने मस्जिद की वीडियोग्रॉफी कराई। इसके बाद 24 नवंबर को वीडियोग्रॉफी के दौरान हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक अधिकारी एवं पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस मामले में पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ और मृतकों के स्वजन की ओर से भी प्राथमिकी दर्ज कराई है। न्यायिक आयोग का गठन भी किया गया है, जो इस मामले की विस्तृत जांच करेगा।
विदेशी फंडिंग का एंगल
पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब इस मामले में विदेशी फंडिंग के एंगल से भी जांच कर रही हैं। हिंसा के लिए सुनियोजित साजिश की संभावना से यह सवाल उठता है कि क्या विदेश से किसी प्रकार की सहायता या प्रेरणा मिली थी। इस पहलू पर केंद्रीय एजेंसियों की जांच भी हो सकती है, जिससे मामला और गंभीर हो सकता है।