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संभल,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। संभल जिले के एक ऐतिहासिक मंदिर में 46 साल बाद पूजा-पाठ की शुरुआत की गई है। इस मंदिर को भस्मा शंकर मंदिर कहा जा रहा है। पहले यह मंदिर वर्षों से बंद था और अतिक्रमण के कारण इसे ढक दिया गया था। लेकिन अब, जिला प्रशासन द्वारा किए गए उपायों के बाद मंदिर को पूरी तरह से कब्जा मुक्त कर दिया गया है और फिर से वहां धार्मिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं।
मंदिर के पास क्या हुआ?
मंदिर परिसर में अब सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, आसपास के अवैध निर्माणों को भी हटवाया गया है, जिससे मंदिर का पुराना स्वरूप वापस आ सके। मंदिर के पास स्थित मकानों का नक्शा भी चेक किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां कोई अवैध कब्जा नहीं किया गया है।
पूजा की शुरुआत:
मंदिर में पूजा-पाठ की शुरुआत बड़े धूमधाम से की गई। भक्तों ने जल चढ़ाकर भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा अर्चना की। यह दृश्य अत्यधिक भव्य और दिव्य था, और मंदिर में आस्था और श्रद्धा का वातावरण बन गया। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर के फिर से खुलने से इलाके में एक नई रौनक आ गई है।
46 साल बाद लौटी रौनक:
मंदिर में 46 साल बाद पूजा-पाठ की शुरुआत होने के बाद यहां की स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। मंदिर का उद्घाटन होते ही भक्तों की भीड़ लगनी शुरू हो गई और यह इलाका फिर से धार्मिक केंद्र बन गया। मंदिर में शिवलिंग और हनुमान जी की प्रतिमा मिली थी, जो अब श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बन चुकी है।
भविष्य में क्या होगा?
मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा उपायों के साथ-साथ धार्मिक गतिविधियों की गति को और बढ़ाया जाएगा। मंदिर का चेक-अप जारी रहेगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मंदिर का माहौल हमेशा पवित्र और सुरक्षित रहे।