
संभल पुलिस चौकी विवाद
संभल [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सामने बन रही सत्यवृत पुलिस चौकी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस निर्माण कार्य ने न केवल स्थानीय समुदाय में नाराजगी पैदा की है, बल्कि यह राजनीतिक बहस का मुद्दा भी बन गया है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस विवाद में दखल देते हुए इसे वक्फ की जमीन पर अवैध निर्माण करार दिया है।
प्रशासन का पक्ष
संभल के जिलाधिकारी (डीएम) डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने स्पष्ट किया कि सत्यवृत पुलिस चौकी का निर्माण सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए किया जा रहा है। डीएम के अनुसार संबंधित जमीन नगर पालिका की संपत्ति के रूप में दर्ज है। अब तक किसी भी व्यक्ति ने इस भूमि पर स्वामित्व का वैध दावा प्रस्तुत नहीं किया है। मौजूदा दस्तावेजों की जांच की गई है और उनमें कोई अनियमितता नहीं पाई गई।
डीएम ने यह भी कहा कि अगर कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत करता है, तो प्रशासन मामले की दोबारा समीक्षा करेगा।
ओवैसी का दावा
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर इस निर्माण कार्य की कड़ी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि यह निर्माण वक्फ की जमीन पर किया जा रहा है। ओवैसी ने कहा “यह जमीन रिकॉर्ड में वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज है।” उन्होंने प्राचीन स्मारक अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि संरक्षित स्मारकों के पास किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य प्रतिबंधित है। सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “पुलिस चौकी बनाने के लिए वक्फ की जमीन का उपयोग करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि धार्मिक भावनाओं का भी अपमान है।”
विवाद की पृष्ठभूमि
शाही जामा मस्जिद के पास पुलिस चौकी निर्माण का फैसला 24 नवंबर को हुई हिंसक झड़पों के बाद लिया गया। इन झड़पों में पांच लोगों की मौत हुई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
प्रशासन का कहना है कि इस क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए चौकी का निर्माण आवश्यक है। हालांकि, स्थानीय समुदाय और कुछ राजनीतिक दलों का मानना है कि यह निर्माण धार्मिक स्थलों की गरिमा को ठेस पहुंचा सकता है।
विरोध प्रदर्शन
स्थानीय समुदाय ने इस निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस जमीन का उपयोग सामुदायिक और धार्मिक उद्देश्यों के लिए होना चाहिए।
कानूनी विशेषज्ञों की राय
वक्फ की जमीन पर कोई भी निर्माण तभी वैध हो सकता है, जब संबंधित प्राधिकरण से अनुमति ली गई हो। अगर यह जमीन नगर पालिका की संपत्ति है, तो प्रशासन का पक्ष मजबूत है।
क्या हो सकता है समाधान?
इस विवाद को सुलझाने के लिए जरूरी है कि दोनों पक्षों के दावों की निष्पक्ष जांच की जाए।
- दस्तावेजों की गहन जांच: प्रशासन और वक्फ बोर्ड दोनों को अपनी-अपनी दावेदारी साबित करने के लिए प्रामाणिक दस्तावेज प्रस्तुत करने चाहिए।
- समुदाय के साथ संवाद: स्थानीय समुदाय और धार्मिक संगठनों के साथ खुली बातचीत की जाए।
- न्यायालय का हस्तक्षेप: यदि विवाद जारी रहता है, तो मामले को न्यायालय में ले जाना उचित होगा।