
सीएम योगी का बयान
लखनऊ [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में संभल हिंसा और उत्तर प्रदेश में दंगों के इतिहास पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि 2017 के बाद से प्रदेश में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ। इसके पहले साम्प्रदायिक घटनाओं में लोगों की मौत होती थी और माहौल खराब किया जाता था। सीएम योगी ने दावा किया कि उनकी सरकार में दंगों में 95-97 फीसद की कमी आई है। उन्होंने कहा कि समाज में धार्मिक सौहार्द बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है।
संभल हिंसा की पृष्ठभूमि
संभल में हाल ही में हुई हिंसा ने प्रदेश में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ा दिया। यह घटना तब हुई जब कोर्ट के आदेश पर एक विवादित स्थल का सर्वेक्षण किया जा रहा था। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच टकराव हुआ और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हिंसा को “वर्चस्व की लड़ाई” करार दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर “जय श्रीराम” जैसे नारे से उत्तेजना क्यों होती है? सीएम योगी ने कहा कि “राम” भारतीय संस्कृति और धार्मिक मूल्यों का अभिन्न हिस्सा हैं, और उनके बिना कोई काम पूरा नहीं हो सकता।
सदन में मुख्यमंत्री ने बाबरनामा का उल्लेख करते हुए दावा किया कि इतिहास में कई मंदिरों को तोड़कर उनके स्थान पर ढांचे खड़े किए गए। इस पृष्ठभूमि में उन्होंने राम के महत्व को रेखांकित करते हुए धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने की बात कही।
उत्तर प्रदेश में दंगों का इतिहास
उत्तर प्रदेश में दंगों का इतिहास लंबे समय से रहा है और संभल इनमें एक प्रमुख संवेदनशील क्षेत्र रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में यह दावा किया कि संभल में 1947 से लेकर अब तक कई साम्प्रदायिक घटनाएं हुई हैं, जिनमें 209 हिंदुओं की हत्या का उल्लेख है।
सीएम योगी ने जुमे की नमाज के बाद भड़काऊ बयान दिए जाने की घटनाओं को भी इन दंगों का एक बड़ा कारण बताया। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में हर साल साम्प्रदायिक दंगों की खबरें आम थीं। इन घटनाओं में जान-माल का भारी नुकसान होता था, और समाज में डर और अस्थिरता का माहौल बना रहता था।
2017 के बाद दंगा-मुक्त उत्तर प्रदेश का दावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के बाद उनकी सरकार ने दंगाईयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए हालात को काबू में किया।
- सख्त कानून व्यवस्था: प्रदेश में दंगा भड़काने वालों पर कठोर कदम उठाए गए।
- सांप्रदायिक सौहार्द: सरकार ने समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का प्रयास किया।
- तुरंत कार्रवाई: हिंसा की घटनाओं पर तेजी से काबू पाने के लिए प्रशासन को अधिक अधिकार और जवाबदेही दी गई।
दंगों में कमी के कारण
- सीएम योगी का दावा है कि उनकी सरकार ने दंगा-मुक्त उत्तर प्रदेश की ओर कदम बढ़ाए हैं।
- पुलिस और प्रशासन को बेहतर संसाधन और तकनीकी मदद दी गई।
- उग्रवाद और साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति अपनाई गई।
- ऐसे अपराधियों को चिन्हित कर दंडित किया गया जिन्होंने समाज में डर फैलाने की कोशिश की।
उत्तर प्रदेश में दंगों का इतिहास बताता है कि राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति से साम्प्रदायिकता पर लगाम लगाई जा सकती है। वर्तमान सरकार का जोर कानून और व्यवस्था के मजबूत संचालन पर है, ताकि राज्य में शांति और विकास का माहौल बना रहे।
संभल हिंसा: सरकार की प्रतिक्रिया
योगी सरकार ने संभल हिंसा पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि हर गिरफ्तारी साक्ष्यों के आधार पर हुई है।
उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि वे सौहार्द की बात करते हैं, लेकिन वास्तविकता में माहौल खराब करते हैं।
सीएम योगी की बातों का क्या है महत्व?
- दंगों में कमी: सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश में दंगों की घटनाएं कम हुई हैं।
- धार्मिक स्वतंत्रता: उन्होंने भगवा झंडे और “जय श्रीराम” जैसे मुद्दों को राष्ट्रीय गौरव से जोड़ा।
- सख्त कानून व्यवस्था: दंगाईयों पर सख्त कार्रवाई ने जनता के बीच सरकार की छवि को मजबूत किया है।
क्या कहता है विपक्ष?
विपक्ष ने सरकार पर पक्षपात और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। वे यह भी कहते हैं कि प्रशासन ने स्थिति संभालने में ढिलाई बरती।