
क्यों हुई संभल हिंसा
संभल [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। संभल हिंसा (Sambhal Violence) ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार की सुबह एक बड़े संकट को जन्म दिया, जब शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान उग्र भीड़ द्वारा हिंसा भड़काई गई। इस हिंसा में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं। यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी चर्चा का विषय बन गई है। आइए जानते हैं कि इस हिंसा के बाद क्या हुआ और स्थिति अभी कैसी है।
हिंसा की शुरुआत
रविवार को एक सर्वे टीम शाही जामा मस्जिद के आसपास के क्षेत्र में सर्वे करने के लिए आई थी। टीम के सर्वे के बाद जब वे वापस लौट रहे थे, तभी उग्र भीड़ ने उन पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज करके स्थिति को काबू करने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान गोलीबारी भी हुई। इस हिंसा में पुलिस के कई जवान घायल हुए और कुछ गाड़ियों में आग लगा दी गई। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य व्यक्ति की मौत इलाज के दौरान मुरादाबाद में हुई।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने दावा किया कि अब इलाके में स्थिति सामान्य है। उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं और रात से ही अधिकारियों द्वारा इलाके की निगरानी की जा रही है। हालांकि, संभल के एसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि हिंसा में शामिल 2500 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और उनका कहना है कि सभी आरोपियों को सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से पहचान कर जेल भेजा जाएगा।
विपक्षी दलों का आरोप
इस हिंसा पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर आरोप लगाया है कि यह हिंसा पूर्व नियोजित थी। उनका कहना था कि इस हिंसा के लिए प्रशासन और राज्य सरकार जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्यों सर्वे की अनुमति इस तरह से दी गई।
सपा के सांसद ज़िया उर रहमान बर्क ने भी इस हिंसा को सांप्रदायिक रूप से प्रेरित बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा था। बर्क का कहना था कि वे उस समय संभल में मौजूद नहीं थे, बावजूद इसके उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई।
मौतों और घायल होने वालों का आंकड़ा
मुरादाबाद के डीआईजी मुनिराज जी ने बताया कि अब तक तीन लोगों के पोस्टमॉर्टम हो चुके हैं और एक व्यक्ति की मुरादाबाद में इलाज के दौरान मौत हो गई। हालांकि, मृतकों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। पुलिस इस मामले की पूरी जांच कर रही है और घटनास्थल पर जांच के लिए टीम भी भेजी गई है।
सुरक्षा उपाय और कर्फ्यू की स्थिति
संभल में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, सुरक्षा उपाय कड़े किए गए हैं। इलाके में इंटरनेट सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है और स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है। हालांकि, कर्फ्यू लागू नहीं किया गया है, लेकिन बाहर से आने वाले राजनेताओं और सामाजिक संगठनों के लोगों पर रोक लगा दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स और अधिकारियों की बयानबाजी
बीबीसी संवाददाता दिलनवाज़ पाशा ने रिपोर्ट किया कि 2500 से अधिक लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें ज़िया उर रहमान बर्क का नाम प्रमुख है। इस बयान पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं, जबकि पुलिस प्रशासन मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है।
आगे की स्थिति
संभल में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस लगातार सतर्क हैं। इलाके की निगरानी तेज़ कर दी गई है। भविष्य में इस हिंसा की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।