
संभल में मंदिर और कुंए की कार्बन डेटिंग जांच, डीएम ने भेजा पत्र
संभल,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। आज संभल जनपद में एक महत्वपूर्ण घटना घटने वाली है, क्योंकि लखनऊ से आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की चार सदस्यीय टीम संभल पहुंचने वाली है। यह टीम उत्खनन और अन्वेषण कार्य के लिए वहां का दौरा करेगी, और इसमें उत्खनन एवं अन्वेषण अधिकारी के अलावा सहायक पुरातत्व अधिकारी भी शामिल होंगे। इस टीम का मुख्य उद्देश्य संभल क्षेत्र में प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों की जांच करना है, ताकि वहां के ऐतिहासिक महत्व को समझा जा सके और आगामी उत्खनन कार्यों के लिए आवश्यक योजना बनाई जा सके।
ASI टीम का उद्देश्य और प्रमुख कार्य
ASI की इस चार सदस्यीय टीम का प्रमुख उद्देश्य संभल में स्थित प्राचीन मंदिर और पुरातात्विक महत्व के अन्य स्थानों का अध्ययन करना है। टीम के सदस्य इस क्षेत्र में पहले से मौजूद उत्खनन स्थल और प्राचीन संरचनाओं की जांच करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किस स्थान पर आगे का उत्खनन कार्य किया जाए। साथ ही, इस टीम के द्वारा किए गए अन्वेषण के परिणामों से यह भी पता चल सकता है कि यह क्षेत्र ऐतिहासिक दृष्टि से कितनी महत्वपूर्ण है और यहां कितने पुराने अवशेष मौजूद हो सकते हैं।
DM से मुलाकात और मंदिर का दौरा
ASI टीम का दौरा काफी संगठित तरीके से होगा। टीम पहले संभल के जिला मजिस्ट्रेट (DM) से मुलाकात करेगी, जहां वे क्षेत्र के इतिहास और प्राचीन स्थलों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। DM से मिलने के बाद, टीम का अगला कदम प्राचीन मंदिर का दौरा होगा। इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व और यहां स्थित पुरातात्विक अवशेषों का अध्ययन किया जाएगा। टीम का यह दौरा न केवल ऐतिहासिक तथ्यों का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे इस क्षेत्र में संभावित उत्खनन कार्यों को आगे बढ़ाने की दिशा भी तय की जाएगी।
संभल क्षेत्र में पुरातात्विक महत्व
संभल जनपद को ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, और यहां कई प्राचीन मंदिरों, स्तूपों और अन्य पुरातात्विक संरचनाओं के अवशेष मिल चुके हैं। यह क्षेत्र प्राचीन भारतीय संस्कृति और इतिहास का हिस्सा है, और ASI की टीम का यह दौरा इसे और अधिक उजागर करने के लिए महत्वपूर्ण होगा। टीम द्वारा की जाने वाली जांच और उत्खनन कार्यों से संभल के इतिहास के कई अनदेखे पहलुओं का खुलासा हो सकता है।
ASI टीम का प्रभाव और आगे की योजनाएं
ASI की इस टीम के दौरे का असर इस क्षेत्र में पुरातात्विक अनुसंधान और उत्खनन कार्यों पर पड़ सकता है। यदि टीम द्वारा किए गए अन्वेषण और शोध में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आते हैं, तो संभल में आगे की खुदाई और शोध कार्यों की दिशा तय की जा सकती है। यह काम ना केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि इससे संभल क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकता है, क्योंकि पुरातात्विक स्थलों पर पर्यटकों की रुचि बढ़ने की संभावना रहती है।
संभावित हंगामा और प्रशासन की तैयारी
हालांकि, पुरातात्विक अनुसंधान के साथ कुछ विवाद भी जुड़े हो सकते हैं। यदि टीम किसी ऐसे स्थान पर खुदाई करने का निर्णय लेती है, जो स्थानीय लोगों के लिए सांस्कृतिक या धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण हो, तो इसके खिलाफ विरोध हो सकता है। ऐसे में प्रशासन को पहले से इस पहलू पर विचार करते हुए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी होगी, ताकि किसी भी प्रकार की अशांति से बचा जा सके।