
सहारनपुर में ड्रोन से निगरानी: अवैध खनन पर प्रशासन सख्त
सहारनपुर [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। सहारनपुर में अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए जिलाधिकारी मनीष बंसल ने ड्रोन सर्विलांस की नई तकनीक की शुरुआत की है। खनन क्षेत्रों का औचक निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि अब ड्रोन के माध्यम से खनन गतिविधियों की निगरानी होगी। यह पहल जिले में खनन माफिया पर लगाम लगाने और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से की गई है।
अवैध खनन पर प्रशासन की नजर
निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य : सहारनपुर के दोहराला और बर्था कोसी क्षेत्रों में बार-बार अवैध खनन की शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों के आधार पर जिलाधिकारी ने इन क्षेत्रों का निरीक्षण किया।
खनन माफिया का नेटवर्क : निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि यमुना नदी के खनन क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के माफिया सक्रिय हैं। यह गतिविधियां न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि पर्यावरणीय असंतुलन भी पैदा कर रही हैं।
कानूनी कार्रवाई के निर्देश
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अवैध खनन में संलिप्त व्यक्तियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। निगरानी में कोई चूक न हो, इसके लिए टास्क फोर्स और पीएसी की मदद ली जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि इसके पहले ड्रोन सर्विलांस का इस्तेमाल किया जा रहा है। ड्रोन सर्विलांस एक प्रभावी तरीका है, जिससे दूरस्थ स्थानों पर नजर रखी जा सकती है। इस तकनीक की शुरुआत से खनन क्षेत्रों की गतिविधियों पर रीयल-टाइम निगरानी संभव हो सकेगी।
ड्रोन के प्रमुख लाभ
- तेजी से निगरानी: ड्रोन के जरिए पूरे क्षेत्र को कम समय में स्कैन किया जा सकता है।
- सबूत जुटाने में सहायक: ड्रोन द्वारा कैप्चर किए गए वीडियो और फोटो, अवैध खनन के खिलाफ सबूत के तौर पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
- पारदर्शिता और सटीकता: निगरानी की प्रक्रिया में किसी भी मानवीय चूक की संभावना कम हो जाती है।
खनन क्षेत्र की मौजूदा स्थिति
डीएम ने कहा कि नुनियारी से बर्था क्षेत्र में वर्तमान में केवल एक खनन पट्टा संचालित है। इसके बावजूद, अवैध खनन की शिकायतें बार-बार सामने आती रही हैं।
तहसील टास्क फोर्स और पीएसी की भूमिका
इन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के लिए तहसील टास्क फोर्स और पीएसी की तैनाती की गई है। ये टीमें हर गतिविधि पर नजर रख रही हैं और अवैध खनन को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।
प्रशासनिक सख्ती का महत्व
पर्यावरणीय सुरक्षा : अवैध खनन से पर्यावरणीय क्षति होती है। जलस्तर में कमी, मिट्टी का कटाव, और जैव विविधता पर इसका बुरा असर पड़ता है। प्रशासन की यह सख्ती पर्यावरण की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
राजस्व की हानि से बचाव : अवैध खनन सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान पहुंचाता है। ड्रोन तकनीक और सख्त निगरानी से ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकती है।
जिलाधिकारी की टीम और सहयोग
निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) रजनीश कुमार मिश्र, उपजिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। यह पूरी कार्रवाई जिले में खनन माफिया के खिलाफ एक बड़ा कदम मानी जा रही है।