
हिंदी दिवस 14 सितंबर के पखवाड़ा कार्यक्रम में समापन समारोह संपन्न।
नई दिल्ली [ TV 47 न्यूज नेटवर्क]। पंजाबी बाग पश्चिम स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के सभागार में राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ द्वारा आयोजित हिंदी दिवस 14 सितंबर के पखवाड़ा कार्यक्रम में समापन समारोह संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ चिकित्सक वैद्य अच्युत कुमार त्रिपाठी ने कहा की राष्ट्रभाषा हिंदी राष्ट्रीय एकता, सौहार्द तथा विवेक की जननी है, जो पूरे देश की विभिन्न भाषाओं और बोलियों को एक सूत्र में पिरोकर सेतु का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि इस पर हमें गर्व है।
इस कडी में आयुर्वेद के प्रसिद्ध विद्वान एवं गुरु तथा लेखक वैद्य ताराचंद शर्मा ने कहा कि भक्ति काल के कवियों का हिंदी के विकास में योगदान अद्भुत है, जिन्होंने अपने काव्य शक्ति के माध्यम से जनजीवन को एक नई दिशा प्रदान की है,जिसमे गोस्वामी तुलसीदास,रहीम,रसखान,सूरदास एवम मीराबाई जैसे कवियों का योगदान उल्लेखनीय है।
राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ की निदेशक वैद्य वंदना सिरोहा ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारा संस्थान हिंदी लेखन,व्याख्यान तथा पोस्टर आदि विभिन्न गतिविधियां हिंदी के माध्यम से प्रस्तुत करता है। हिंदी के उत्कृष्ट कार्य करने पर हम उन्हें पुरस्कार द्वारा अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने का प्रयास करते हैं। जिससे अधिक सेअधिक लोग हिंदी से कार्य कर सके।
कार्यक्रम के समापन पर विद्यापीठ के लोकप्रिय प्रशासक रामकृष्ण ने कहा की उत्तर से दक्षिण तक आज अधिक से अधिक लोगों में हिंदी भाषा लोकप्रिय है जिस पर हमें गर्व है। मैं उन सभी पुरस्कृत कर्मचारियों को हृदय से साधुवाद देता हु।
उक्त कार्यक्रम में राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ द्वारा विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में महासम्मेलन के सचिव वैद्य अवधेश श्रीवास्तव, वरिष्ठगुरु एवं चिकित्सक वैद्य अश्विनी शर्मा के अतिरिक्त राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के कर्मचारियों के साथ विभिन्न संस्थाओं के कर्मचारियों की गरिमामई उपस्थित उल्लेखनीय रही।