
राहुल गांधी का संभल दौरा अनिश्चित स्थिति में।
लखनऊ [TV 47 न्यूज नेटवर्क ] । संभल हिंसा के पीड़ितों से मुलाक़ात करने के लिए नेता विपक्ष राहुल गांधी जी व कांग्रेस सांसद श्रीमती प्रियंका गांधी जी 10, जनपथ से हुए रवाना हुए।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का संभल में दौरा एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। बुधवार को उनके इस दौरे का प्रस्तावित कार्यक्रम पहले अनिश्चित था। हालांकि प्रशासन ने इस दौरे को लेकर अपनी सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया है और राहुल गांधी से इस दौरे को रद्द करने का अनुरोध किया है।
यूपी प्रशासन की सक्रियता: सुरक्षा इंतजामों की तैयारी
संभल जिले में सुरक्षा स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने बड़े पैमाने पर पुलिस बल की तैनाती की है। डीएम संभल ने गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नरों, तथा बुलंदशहर और अमरोहा के एसपी को पत्र लिखकर राहुल गांधी के मूवमेंट पर नजर रखने और जिले की सीमा में उन्हें रोकने के निर्देश दिए हैं। इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रशासन स्थिति को नियंत्रण में रखना चाहता है।
मुरादाबाद मंडल का सुरक्षा अलर्ट
मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय सिंह ने राहुल गांधी से अपील की है कि वह फिलहाल संभल न आएं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में शहर की स्थिति तनावपूर्ण है, और इस कारण से 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। इस निर्णय का उद्देश्य संभावित विवादों और कानून-व्यवस्था की समस्याओं से बचाव करना है।
सुरक्षा कारणों से दौरे की रोक
राहुल गांधी का यह दौरा उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो संभल में हाल ही में हुई घटनाओं से प्रभावित हुए हैं। हालांकि, प्रशासन ने इस दौरे को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। यूपी पुलिस की भारी संख्या में तैनाती से यह पता चलता है कि प्रशासन स्थिति को लेकर गंभीर है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहा है।
राहुल गांधी का दृष्टिकोण और प्रतिक्रिया
राहुल गांधी की टीम ने अब तक इस विषय पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, उनके समर्थकों और आम जनता में इस दौरे को लेकर उम्मीदें थीं, जो अब प्रशासन की रोक से प्रभावित हो सकती हैं। यह दौरा, अगर संपन्न होता, तो संभल में राहत और समर्थन के संदेश को प्रोत्साहित करता, विशेष रूप से उन पीड़ितों के लिए जिनकी सहायता के लिए राहुल गांधी पहुंचे थे।
प्रशासन की ओर से यह निर्णय सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई बार यह देखा गया है कि विरोधी नेताओं के दौरे से स्थिति तनावपूर्ण हो सकती है। खासकर जब वहां संवेदनशील मुद्दे शामिल हों। इस बार भी प्रशासन ने संभावित अशांति को रोकने के लिए पहले से ही कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं।