फाइल फोटो।
नई दिल्ली [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखे आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार दोस्त बनाने का खेल खेलती है, पर जनता को असली लाभ क्या मिला? साथ ही, उन्होंने टैरिफ मुद्दे पर प्रधानमंत्री को जवाब देने की मांग की है। संसद के अंदर और बाहर दोनों ही जगह इस बयान ने हलचल मचा दी है।
साथ ही, बिहार में वोटर वेरिफिकेशन को लेकर भी संसद में हंगामा हुआ है। विपक्ष का आरोप है कि वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का अभाव है। इस लेख में, हम प्रियंका गांधी के इन बयानों, सरकार की प्रतिक्रिया, बिहार वोटर वेरिफिकेशन पर हंगामे और इन सभी मुद्दों का व्यापक विश्लेषण करेंगे।
प्रियंका का बयान: मोदी दोस्त बनाते हैं, बदले में जनता को क्या मिला?
प्रियंका गांधी का यह बयान राजनीतिक हलकों में खूब चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार केवल अपने मित्रों और खास लोगों को लाभ पहुंचाने का खेल खेल रही है।
प्रियंका गांधी का आरोप
- मित्रता का खेल: मोदी सरकार अपने करीबी मित्रों और कॉर्पोरेट घरानों को विशेष लाभ दे रही है।
- आम जनता का दर्द: जनता की परेशानियों और मुश्किलों से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।
- बेरोजगारी और महंगाई: देश में बेरोजगारी और महंगाई अपने चरम पर है, लेकिन सरकार का ध्यान इन समस्याओं से हटकर अपने दोस्तों की तरफ है।
- आरोप का आधार: प्रियंका गांधी ने अपने आरोपों को विभिन्न रिपोर्टों और आंकड़ों के आधार पर प्रस्तुत किया है, जिसमें कहा गया है कि सरकार ने कई बड़े कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाया है।
जनता का क्या कहना है?
- इस बयान पर जनता का एक बड़ा वर्ग उनके साथ है, जो मानता है कि सरकार अपने स्वार्थ के चलते जनता के हितों को छोड़ रही है।
- वहीं, सरकार का कहना है कि यह आरोप निराधार हैं और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
- विपक्षी दलों ने प्रियंका के इस बयान का समर्थन किया है और सरकार पर निशाना साधा है।
- भाजपा नेताओं का कहना है कि यह बयान निराधार हैं और सरकार ने देश का सर्वांगीण विकास किया है।
टैरिफ मुद्दे पर पीएम को जवाब देना चाहिए
प्रियंका गांधी ने टैरिफ (मूल्य नीति) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है। उन्होंने कहा कि देश के बिजली उपभोक्ताओं को यह जानना चाहिए कि आखिर इस नीति का फायदा किसको हुआ?
टैरिफ नीति का विवाद
- बिजली मूल्य निर्धारण: हाल के वर्षों में बिजली की कीमतें बढ़ी हैं, जिससे आम जनता को असुविधा हो रही है।
- बिजली कंपनियों का लाभ: विपक्ष का आरोप है कि निजी बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने टैरिफ नीति में बदलाव किया है।
- अधिकारियों का कहना है: सरकार का तर्क है कि यह नीति ऊर्जा उत्पादन और वितरण को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक है।
प्रियंका गांधी का सवाल
- उन्होंने पूछा है कि क्या इस बदलाव का लाभ आम उपभोक्ताओं को मिल रहा है या फिर केवल कंपनियों के मुनाफे में वृद्धि हो रही है?
- उन्होंने सरकार से यह भी पूछा है कि इस नीति के पीछे कौन-कौन से हितधारक हैं और जनता को इसका कितना फायदा हुआ है?
सरकार की प्रतिक्रिया
- सरकार का कहना है कि ऊर्जा क्षेत्र में सुधार जरूरी है और यह नीति देश की विकास यात्रा का हिस्सा है।
- वहीं, विपक्ष का दावा है कि यह नीति जनता के हित में नहीं है और इससे महंगाई बढ़ेगी।
बिहार वोटर वेरिफिकेशन पर संसद में हंगामा
बिहार में वोटर वेरिफिकेशन (मतदाता सत्यापन) को लेकर संसद में जोरदार हंगामा हो रहा है। विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता से नहीं हो रही है और चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
वोटर वेरिफिकेशन का उद्देश्य
- मतदाता सूचियों को सटीक और अद्यतित बनाना।
- वोटर ID और वोटर लिस्ट में अनियमितताओं को रोकना।
- चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करना।
विपक्ष का आरोप
- पारदर्शिता का अभाव: विपक्ष का कहना है कि वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है।
- ध्रुवीकरण का प्रयास: कुछ दलों का आरोप है कि यह प्रक्रिया खास समुदायों को निशाना बनाकर की जा रही है।
- आलोचना: विपक्ष का कहना है कि सरकार इस प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल कर चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकती है।
सरकार का तर्क
- सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया चुनाव को और भी निष्पक्ष बनाने के लिए आवश्यक है।
- उन्होंने कहा कि यह केवल सत्यापन का कदम है, जिससे वोटर लिस्ट और भी भरोसेमंद बनेंगी।
संसद में हंगामा
- विपक्षी दलों ने सदन में जमकर हंगामा किया।
- उन्होंने इस प्रक्रिया को रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की।
- सरकार का कहना है कि वे अपने कदम पर डटी हुई है और चुनाव आयोग की कार्रवाई का समर्थन करती है।
