
डीसीपी नगर अभिषेक भारती
प्रयागराज [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच प्रयागराज पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है। महाकुंभ के नाम पर फर्जी कॉटेज, टेंट और होटल बुकिंग के जरिए श्रद्धालुओं से ठगी करने वाले चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके पास से लैपटॉप, एंड्रॉयड मोबाइल और एटीएम कार्ड जैसे उपकरण बरामद किए हैं।
डीसीपी नगर अभिषेक भारती ने बताया कि साइबर अपराधियों ने बेहद सुनियोजित तरीके से ठगी को अंजाम दिया। अब तक इस गिरोह के खिलाफ पांच मामले दर्ज किए जा चुके हैं। आइए जानते हैं कि साइबर अपराधी मासूम श्रद्धालुओं को फंसाने के लिए कौन सी तकनीक का उपयोग करते हैं।
फर्जी वेबसाइट से ठगी का मामला कैसे हुआ उजागर?
प्रयागराज के डीसीपी नगर अभिषेक भारती ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि साइबर ठगों ने महाकुंभ के नाम पर नकली वेबसाइटें बनाई थीं। इन वेबसाइटों पर फर्जी कॉटेज, टेंट और होटल बुकिंग के विज्ञापन डाले गए। इस दौरान, ठगों ने श्रद्धालुओं से एडवांस भुगतान लेकर उन्हें ठगा। अब तक पांच शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें कई लोगों ने लाखों रुपये गवाने की बात कही।
पुलिस की तफ्तीश में लैपटॉप, एंड्रॉयड मोबाइल, एटीएम कार्ड जैसे सबूत बरामद हुए हैं। लैपटॉप से फर्जी वेबसाइट बनाने की जानकारी मिली। एंड्रॉयड मोबाइल से ठगी के ट्रांजेक्शन किए गए। एटीएम कार्ड से फर्जी खातों के माध्यम से पैसे निकालने के लिए उपयोग किया गया। अन्य डिजिटल दस्तावेजों से ठगी के पैटर्न का खुलासा हुआ।
कैसे काम करते हैं साइबर ठग ?
- फर्जी वेबसाइट बनाना: ठग वास्तविक महाकुंभ से संबंधित नाम और डिजाइन का उपयोग करके नकली वेबसाइट बनाते हैं।
- सोशल मीडिया प्रचार: वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन चलाकर लोगों को अपनी वेबसाइट पर लुभाते हैं।
- फर्जी बुकिंग ऑफर: सस्ते टेंट, कॉटेज और होटल के आकर्षक ऑफर देकर एडवांस भुगतान मांगते हैं।
- फर्जी संपर्क नंबर: वेबसाइट पर दिए गए हेल्पलाइन नंबर से संपर्क करने पर ठग सीधे पैसे ट्रांसफर कराने की मांग करते हैं।
डीसीपी अभिषेक भारती ने बताया कैसे रहें सुरक्षित?
- आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें : महाकुंभ से संबंधित सेवाओं के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें।
- फर्जी ऑफर्स से बचें : यदि कोई ऑफर बहुत सस्ता लगता है, तो उसकी सत्यता की जांच करें।
- सत्यापन करें : किसी भी बुकिंग से पहले वेबसाइट और संपर्क नंबर का सत्यापन जरूर करें।
- साइबर सुरक्षा जागरूकता : साइबर अपराधों से बचने के लिए बुनियादी सुरक्षा उपायों को अपनाएं। हमेशा मान्यता प्राप्त भुगतान गेटवे का उपयोग करें।
पुलिस का क्या कहना है?
डीसीपी अभिषेक भारती ने कहा हमने साइबर अपराधियों के इस गिरोह को पकड़ने के लिए विशेष टीम बनाई थी। ठगों को पकड़ने के लिए डिजिटल फॉरेंसिक और साइबर ट्रेसिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे महाकुंभ से संबंधित किसी भी सेवा का उपयोग करते समय सतर्क रहें और संदेह होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
महाकुंभ और डिजिटल साक्षरता
महाकुंभ जैसे आयोजनों में ठगी से बचने के लिए डिजिटल साक्षरता का होना बेहद जरूरी है। अगर श्रद्धालु साइबर सुरक्षा के बुनियादी नियमों का पालन करें, तो ठगी से बचा जा सकता है।
सरकार और प्रशासन की भूमिका
साइबर जागरूकता अभियान : प्रशासन को महाकुंभ से पहले साइबर अपराध के प्रति जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।
फर्जी वेबसाइट्स पर नज़र : सरकार को फर्जी वेबसाइट्स को ब्लॉक करने और अपराधियों को जल्द पकड़ने के लिए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।
साइबर हेल्पलाइन नंबर : महाकुंभ के लिए एक विशेष साइबर हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाना चाहिए।