
प्रयागराज महाकुंभ 2025
प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ में स्वच्छता और सफाई पर विशेष जोर देते हुए सरकार ने मेले में लगभग 1.5 लाख शौचालय स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। कुम्भ मेले के प्रमुख स्नान पर्वों के दौरान अत्यधिक भीड़ को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को साफ-सफाई की बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
मेले में शौचालय निर्माण की विशेषताएं
विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राणा के अनुसार, महाकुंभ के मेले में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए 15 दिसंबर तक डेढ़ लाख से अधिक शौचालय स्थापित किए जाएंगे। इन शौचालयों के निर्माण के लिए 55 वेंडर्स को पैनल में शामिल किया गया है। मेले में आने वाली बड़ी भीड़ के हिसाब से इन शौचालयों को विभिन्न प्रकारों में बांटा गया है:
- सोक पिट शौचालय: मेले में 49,000 सोक पिट शौचालय स्थापित किए जा रहे हैं।
- सेप्टिक टैंक वाले एफआरपी शौचालय: लगभग 12,000 सेप्टिक टैंक आधारित एफआरपी शौचालय भी मेले में लगाए जा रहे हैं।
- मोबाइल शौचालय: 10 सीटर वाले 350 मोबाइल शौचालय भी स्थापित होंगे, ताकि अत्यधिक भीड़ के समय साफ-सफाई में कोई कमी न रहे।
जेट स्प्रे सिस्टम और क्यूआर कोड मॉनिटरिंग का उपयोग
महाकुंभ 2025 के शौचालयों में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। जेट स्प्रे क्लीनिंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा, जिससे शौचालयों की सफाई सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही इन शौचालयों की निगरानी के लिए क्यूआर कोड प्रणाली लागू की गई है। इस तकनीक से संबंधित कर्मचारी समय-समय पर शौचालयों की सफाई की जांच कर सकेंगे और सफाई कार्यों को ट्रैक किया जा सकेगा।
स्वच्छता पर ध्यान और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं
महाकुंभ में स्वच्छता के इस बड़े कदम का उद्देश्य लोगों को सामुदायिक शौचालय का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है। मौनी अमावस्या जैसे महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर चार से पांच करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, और इस भीड़ को स्वच्छता सेवाओं का लाभ प्रदान करने के लिए ये सुविधाएं विशेष रूप से तैयार की जा रही हैं।
कुंभ मेले की तैयारी में स्वच्छता पर जोर
महाकुंभ के इस बड़े आयोजन में सरकार का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता और सुरक्षा को प्राथमिकता देना है। यह कदम 2019 के कुंभ के दौरान की गई स्वच्छता व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जिसमें सामुदायिक शौचालयों की एक बड़ी संख्या तैयार की गई थी। इस बार, अत्यधिक भीड़ और बेहतर स्वच्छता सुविधाओं के लिए इन शौचालयों की संख्या को बढ़ाकर डेढ़ लाख तक किया गया है।