
प्रयागराज महाकुंभ 2024: जूना और किन्नर अखाड़ा का प्रवेश
प्रयागराज [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2024 की धार्मिक गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। आस्था और परंपरा के इस महापर्व का प्रारंभ जूना अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा के भव्य प्रवेश के साथ हुआ। पूज्य श्री अवधेशानंद जी महाराज के नेतृत्व में जूना अखाड़ा ने अपनी पेशवाई के माध्यम से आध्यात्मिकता और राजसी गरिमा का प्रदर्शन किया। साथ ही, किन्नर अखाड़ा ने भी अपनी पूरी भव्यता और गरिमा के साथ कुंभ क्षेत्र में प्रवेश किया।
जूना अखाड़ा का प्रवेश: धर्म और आध्यात्म का प्रतीक
श्री पंचदशानाम जूना अखाड़ा, जो नागा साधुओं और महामंडलेश्वरों के नेतृत्व में भारत की प्राचीन परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है, ने शनिवार को महाकुंभ नगर में प्रवेश किया।
- पेशवाई की विशेषताएं: हाथियों, घोड़ों, और रथों के साथ यह पेशवाई अत्यंत भव्य और आकर्षक थी।
- महामंडलेश्वर और नागा साधु: हजारों साधु-संतों और नागा बाबाओं ने इस पेशवाई में हिस्सा लिया, जो जन-आस्था का केंद्र बना।
- धार्मिक महत्व: जूना अखाड़ा का कुंभ मेले में प्रवेश आध्यात्मिक शक्ति और सनातन धर्म के प्रति अटूट विश्वास का प्रतीक है।
किन्नर अखाड़ा का स्वागत
महाकुंभ 2024 के इस आयोजन में किन्नर अखाड़ा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। समाज में समावेशिता और समानता का संदेश देने वाले किन्नर अखाड़े ने अपनी छावनी में प्रवेश किया।
- आकर्षण का केंद्र: किन्नर अखाड़ा अपनी भव्यता और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है।
- सांस्कृतिक विविधता: इनके शामिल होने से महाकुंभ में सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता का संदेश प्रबल होता है।
महाकुंभ 2024 की प्रमुख गतिविधियां
महाकुंभ 2024 में प्रवेश करने वाले 13 अखाड़े धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र होंगे।
- पवित्र स्नान: गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम में स्नान करना महाकुंभ का मुख्य आकर्षण है।
- धर्मसभा: संतों और महामंडलेश्वरों द्वारा प्रवचन और धार्मिक चर्चाएं।
- शाही स्नान: अखाड़ों का संगम में भव्य स्नान, जो जनमानस के लिए मुख्य आकर्षण है।
महाकुंभ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
महाकुंभ का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है और यह हर 12 साल में प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। प्रयागराज महाकुंभ को सबसे पवित्र माना जाता है, क्योंकि यह गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर होता है।