
Maha Kumbh 2025 File Photo
प्रयागराज[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क ] Maha Kumbh 2024 -25 : महाकुंभ 2025 की तैयारियों के तहत प्रयागराज में व्यापक निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं। शहर में कई परियोजनाएं अब अंतिम चरण में हैं, जिनमें गंगा-यमुना तट के पक्के घाटों का निर्माण प्रमुख है। प्रदेश सरकार ने गंगा और यमुना तट पर कुल सात घाटों के पक्कीकरण के लिए बजट जारी किया है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि नए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
इन घाटों के निर्माण में लगभग 60 से 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जबकि घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए 15 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। कुल मिलाकर, सात घाटों के निर्माण और सौंदर्यीकरण पर 73 करोड़ रुपये खर्च होंगे। घाटों पर सीढ़ियों का निर्माण, शेड, पूजा और आरती स्थल, चेंजिंग रूम, और इंटर लॉकिंग का कार्य किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
इन घाटों का निर्माण धार्मिक पर्यटन को एक नई दिशा देने की उम्मीद है। जैसे वाराणसी में गंगा आरती की लोकप्रियता है, वैसा ही प्रयागराज में भी होने की संभावना है। संगम और दशाश्वमेध घाट की आरती को विशेष बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे अधिक लोग यहां आकर ठहरें और आसपास की दुकानों और नाविकों को भी लाभ पहुंचे।
अरैल घाट का भी विस्तार किया जा रहा है, जिसमें इसे 50 मीटर तक चौड़ा किया जा रहा है। यहां काम 67 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता एसके सिंह ने बताया कि जलस्तर कम होने पर काम को और तेजी से पूरा किया जाएगा। कुम्भ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने आश्वासन दिया कि महाकुंभ तक सभी कार्य पूर्ण होंगे।
घाटों की स्थिति:
दशाश्वमेध घाट : लंबाई 110 मीटर, पूरा काम 70 फीसदी, लक्ष्य 31अक्टूबर ।
रसूलाबाद घाट : लंबाई 30 मीटर, पूरा काम 60 फीसदी, लक्ष्य 31अक्टूबर ।
ज्ञानगंगा घाट (झूंसी) : लंबाई 30 मीटर, पूरा काम 68 फीसदी, लक्ष्य 05 नवंबर।
किला घाट (वीआईपी घाट) : लंबाई 60 मीटर, पूरा काम 72 फीसदी, लक्ष्य 31अक्टूबर।
नेहरू घाट (सरस्वती घाट) : लंबाई 30 मीटर, पूरा काम 57 फीसदी, लक्ष्य 31 अक्टूबर ।
नौकायन घाट : लंबाई 30 मीटर, पूरा काम 67 फीसदी, लक्ष्य 31 अक्टूबर ।
महेवा घाट : लंबाई 30 मीटर, पूरा काम 78 फीसदी, लक्ष्य 31 अक्टूबर ।
इन तैयारियों से महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में वृद्धि की उम्मीद है।