
High Court Lucknow Bench file photo
लखनऊ,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा द्वारा दायर मानहानि याचिका को खारिज कर दिया। यह याचिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर दर्ज की गई थी। खेड़ा पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का नाम प्रमुख उद्योगपतियों के साथ जोड़ते हुए उनके पिता के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी।
याचिका का खारिज होना और न्यायालय का निर्णय
यह याचिका 5 जनवरी, 2024 को लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा पारित एक आदेश के खिलाफ दाखिल की गई थी, जिसने इस मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने 3 दिसंबर को इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि पवन खेड़ा को इस मामले में निचली अदालत का रुख करना चाहिए। अदालत का आदेश 6 दिसंबर को अपलोड किया गया।
अपराध और प्राथमिकी दर्ज होने की घटनाएं
पवन खेड़ा ने फरवरी 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रमुख उद्योगपतियों के साथ जोड़ते हुए उनके पिता के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद, 20 फरवरी 2023 को वाराणसी के कैंट थाने और लखनऊ के हजरतगंज थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके अलावा, असम में भी एक अन्य प्राथमिकी 22 फरवरी, 2023 को दर्ज की गई थी।
प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ टिप्पणी और कानून की कार्रवाई
पवन खेड़ा ने इन प्राथमिकी को उच्चतम न्यायालय के समक्ष चुनौती दी थी, और उच्चतम न्यायालय ने 20 मार्च, 2023 को इन मामलों को आगे की जांच के लिए लखनऊ के हजरतगंज पुलिस थाने में स्थानांतरित कर दिया था। जांच के बाद, लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में खेड़ा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था।