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नई दिल्ली,[ TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। परिवाह, दीवाली के बाद मनाया जाने वाला एक खास पर्व है। यह त्योहार परिवार की एकता, प्रेम और सामंजस्य का प्रतीक है।
परिवाह का महत्व
परिवाह का त्योहार मुख्य रूप से परिवारिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन, परिवार के सदस्य एकत्रित होते हैं, एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं और अपनी खुशियों को साझा करते हैं। यह पर्व हमें यह याद दिलाता है कि परिवार सबसे पहले आता है और हमें हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़ा रहना चाहिए।
परिवाह की परंपराएं
विशेष भोजन : इस दिन पारंपरिक व्यंजन और मिठयां बनाई जाती हैं।
उपहार देना : परिवार के सदस्यों के बीच उपहारों का आदान-प्रदान होता है, जिससे रिश्ते और मजबूत होते हैं।
संगीत और नृत्य : परिवार के सदस्य इस दिन मिलकर गाते और नाचते हैं, जिससे माहौल खुशनुमा रहता है।
इस दिन क्या नहीं करना चाहिए
1.नकारात्मकता : परिवाह के दिन नकारात्मक बातें या विवाद नहीं करने चाहिए। यह दिन खुशियों का होता है, इसलिए सकारात्मकता बनाए रखें।
- कामकाज : घर के कामकाज को टालकर इस दिन को परिवार के साथ बिताने के लिए समर्पित करें।
- धार्मिक अनुष्ठान : इस दिन धार्मिक पूजा-पाठ को प्राथमिकता नहीं दी जाती। यह दिन अधिकतर मौज-मस्ती और एकता का होता है।
परिवाह का त्योहार हमें परिवार के महत्व और एकता का अहसास कराता है। इस दिन को मनाते समय सकारात्मकता और खुशियों का ध्यान रखें, ताकि परिवार में प्रेम और सामंजस्य बना रहे। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि परिवार हमेशा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।