
आम्रपाली गोल्फ होम्स फाइल फोटो।
नोएडा[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क] आम्रपाली के प्रॉजेक्टों में पिछले 14 सालों से बायर्स फंसे हुए हैं। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के बोर्ड को भंग करते हुए अधूरे प्रॉजेक्टों को पूरा करने की जिम्मेदारी कोर्ट रिसीवर को सौंप दी थी। उस समय की गई घोषणा के अनुसार, तीन साल की डेडलाइन में 38 हजार फ्लैट्स को पूरा कर बायर्स को हैंडओवर करने का लक्ष्य रखा गया था।
हालांकि, पांच साल गुजरने के बाद भी केवल 22,014 फ्लैट ही तैयार होकर कोर्ट रिसीवर को सौंपे गए हैं, जिनमें से केवल 8,000 बायर्स को ही हैंडओवर किया गया है। बाकी बायर्स अब भी अपने घरों के लिए तरस रहे हैं। बायर्स का सवाल है, “कब तक और कैसे हमें घर मिलेगा?”
बेसिक सुविधाओं की कमी बनी समस्या
एनबीसीसी द्वारा प्रॉजेक्टों का निर्माण तेजी से चल रहा है, लेकिन लगभग 8-10 प्रॉजेक्ट ऐसे हैं जिनमें अभी भी बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, एसटीपी, लिफ्ट, और सुरक्षा व्यवस्था अधूरी हैं। यही कारण है कि कई बायर्स हैंडओवर नहीं ले रहे हैं।
एनबीसीसी के सीएमडी केपीएम स्वामी के अनुसार, “हमने 38 हजार में से 22 हजार फ्लैट तैयार कर दिए हैं। बाकी 14 हजार फ्लैट दिसंबर 2024 तक तैयार हो जाएंगे। आदर्श आवास योजना के तहत बचे 2 हजार फ्लैट मार्च 2025 तक पूरे कर दिए जाएंगे।”
अभी चल रहे निर्माण प्रॉजेक्ट्स
एनबीसीसी अभी 10 प्रॉजेक्टों पर निर्माण कार्य कर रही है, जिनमें से कुछ फ्लैट तैयार हो गए हैं। हालांकि, अधिकांश बायर्स को हैंडओवर मिलने में अभी भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
इस स्थिति में सुधार के लिए बायर्स लगातार कोर्ट रिसीवर की टीम के चक्कर काट रहे हैं। कई बायर्स को पेनल्टी और दस्तावेजों में आपत्तियों के चलते समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
आम्रपाली के फंसे बायर्स की उम्मीदें अब भी टिकी हुई हैं, लेकिन उनके सपनों का पूरा होना कब होगा, यह अभी भी अनिश्चित है।