
नोएडा प्राधिकरण की फाइल फोटो।
नोएडा [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। नोएडा प्राधिकरण का भूलेख विभाग किसानों से आपसी सहमति से जमीन लेने में असफल साबित हो रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए अब प्राधिकरण ने एक नई रणनीति अपनाई है। नोएडा प्राधिकरण ने निर्णय लिया है कि किसानों से जमीन लेने के लिए एक प्राइवेट एजेंसी की मदद ली जाएगी। इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है और जल्द ही एजेंसी का चयन किया जाएगा।
एजेंसी करेगी जमीन का अधिग्रहण
एजेंसी के कर्मचारी किसानों से मिलकर उन्हें जमीन देने के फायदे बताएंगे। किसानों को मुआवजा राशि, 5 प्रतिशत भूखंड, और उनके क्षेत्र के विकास के लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, प्राधिकरण भी किसानों के लंबित कामों को जल्द निपटाने में मदद करेगा।
क्यों है जमीन की जरूरत?
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के आसपास स्थित 8 गांवों की जमीन का अधिग्रहण अभी बाकी है। इसके अलावा, अन्य क्षेत्रों में विकास परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। इनमें एफएनजी परियोजना, नोएडा इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स, सड़क निर्माण परियोजनाएं, और अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल हैं।
विकास कार्यों पर प्रभाव
जमीन के अभाव के कारण कई विकास परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं। जैसे कि फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद मार्ग (एफएनजी) का काम, जो कि 12-13 साल से रुका हुआ है। इसके अलावा, हिंडन नदी से जुड़ने वाली सड़क, वोडा महादेव मंदिर के पास की सड़क, और नोएडा इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
क्या करेगा प्राधिकरण?
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बताया कि किसानों से जमीन लेने के लिए प्राइवेट एजेंसी की मदद ली जाएगी। इस योजना से प्राधिकरण उम्मीद कर रहा है कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी आएगी और रुके हुए विकास कार्य जल्द पूरे हो सकेंगे।
किसानों के लिए क्या है फायदा?
एजेंसी के कर्मचारी किसानों को उनकी जमीन देने के कई फायदे बताएंगे। जैसे कि उन्हें मिलने वाला मुआवजा, क्षेत्र में होने वाला विकास, और 5 प्रतिशत प्लॉट का लाभ। यह कदम किसानों और प्राधिकरण के बीच चल रहे विवादों को सुलझाने में भी मदद करेगा।