
कैसे बसेगा न्यू नोएडा
नोएडा [TV 47 न्यूज नेटवर्क ] नोएडा में न्यू नोएडा के निर्माण का मास्टर प्लान अब अप्रूव हो चुका है और भूमि अधिग्रहण के लिए 1000 करोड़ रुपये का बजट रिजर्व कर दिया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य 209.11 वर्गकिमी क्षेत्र में एक नया शहर बसाना है, जो चार चरणों में पूरा किया जाएगा। हालांकि, इस महत्वाकांक्षी योजना के रास्ते में कई बड़ी चुनौतियां हैं, खासकर स्टाफ की कमी और अन्य संसाधनों की उपलब्धता को लेकर।
न्यू नोएडा का मास्टर प्लान: 209 वर्गकिमी क्षेत्र में विकास की योजना
न्यू नोएडा का मास्टर प्लान चार फेज में पूरा होगा। पहले चरण में 3165 हेक्टेयर क्षेत्र को विकसित किया जाएगा (2023-2027)। इसके बाद, दूसरे चरण (2027-2032) में 3798 हेक्टेयर, तीसरे चरण (2032-2037) में 5908 हेक्टेयर, और अंतिम चरण (2037-2041) में 8230 हेक्टेयर क्षेत्र को विकसित किया जाएगा।
लैंड यूज ब्रेकअप
रेजिडेंशियल (मकान) : 2810.54 हेक्टेयर
कमर्शियल (वाणिज्यिक) : 849.97 हेक्टेयर
पीएसपी इंस्टीट्यूशनल (शैक्षिक और संस्थागत) : 1739.93 हेक्टेयर
फैसिलिटी / यूटिलिटी: 195.97 हेक्टेयर
इंडस्ट्री (उद्योग): 8420 हेक्टेयर
ग्रीन पार्क (हरा पार्क): 1792.26 हेक्टेयर
ग्रीन बेल्ट एंड बफर: 1432.73 हेक्टेयर
रिक्रेशनल (मनोरंजन): 530.22 हेक्टेयर
वाटर बॉडी (जलाशय): 122.77 हेक्टेयर
ट्रैफिक और ट्रांसपोर्टेशन: 2963.61 हेक्टेयर
भूमि अधिग्रहण में प्रमुख चुनौतियां
न्यू नोएडा के निर्माण के लिए सबसे पहली प्राथमिकता भूमि अधिग्रहण है। प्राधिकरण ने किसानों से आपसी सहमति से जमीन खरीदने का निर्णय लिया है, लेकिन इस प्रक्रिया को पूरा करने में चुनौतियां आ रही हैं। सबसे बड़ी समस्या स्टाफ की कमी है।
स्टाफ की कमी: एक बड़ी बाधा
नोएडा प्राधिकरण के प्लानिंग और भूलेख विभाग में कुल 43 स्वीकृत पदों में से महज 5 पद भरे गए हैं, जबकि 38 पद खाली हैं। भूलेख विभाग में 24 स्वीकृत पदों में से केवल 9 ही भरे हुए हैं, जिससे काम धीमी गति से चल रहा है। इन विभागों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी में नक्शा बनाना, प्लाट काटना, और योजनाओं का खसरे के अनुसार सुपर इंपोज करना शामिल है।
वर्तमान में क्या हो रहा है ?
न्यू नोएडा के लिए सेटेलाइट इमेज के जरिए सर्वे किया जा रहा है, जिससे भूमि का सही निर्धारण किया जा सके। प्राधिकरण ने अक्टूबर 2024 से 209 वर्गकिमी क्षेत्र में निर्माण पर रोक लगाई है, जिससे जमीन अधिग्रहण और योजना बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके। प्राधिकरण ने जल्द ही स्टाफ की कमी को पूरा करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, शासन स्तर पर भूमि अधिग्रहण नीति के लिए गाइडलाइन भी जारी की जाएगी।